न्यूज नजर : व्यक्ति के जन्मदिन के समय आकाशीय चन्द्रमा जिस भी राशि में भ्रमण करते हैं व्यक्ति की वही जन्म राशि होती हैं। जन्म लग्न अर्थात जन्म के समय पृथ्वी के पूर्वी क्षितिज पर कोण सी राशि उदित हो रही थी। वहां से चन्द्रमा की दूरी व अन्य ग्रहों से क्या सम्बंध बन रहे थे उनके प्रभावों की भविष्यवाणी ज्योतिष शास्त्र में की जाती है कि किसी भी क्षेत्र में व्यक्ति क्या क्या उपलब्धियां हासिल कर सकता है।
प्राचीन काल में ऋषि मुनियों ने इस क्षेत्र में लगातार आकाशीय ग्रहों का अध्ययन किया और अपने अपने अनुभवों को बताया। इन सब की जानकारी पुराणों में मिलती है। उस काल में भी ऋषि मुनियों में ग्रहों के प्रभावों को लेकर मतभेद थे और पूर्णत सफ़ल और सही भविष्यवाणी सभी की नहीं हो पातीं थी फिर भी गणित ज्योतिष शास्त्र में सभी का मत एक था।
वराहमिहिर ने सभी पुराणों के आधार पर गुप्त काल में वृहत् संहिता नामक ग्रंथ को लिखा और उसके बाद लगातार ज्योतिष शास्त्र में अनुसंधान हुए तथा हजारों पुस्तकें वर्तमान तक लिखीं जा चुकी हैं। इनके माध्यम से भावी घटनाक्रम की जानकारी के संकेत मिलते हैं और व्यक्ति इन संकतो को ध्यान में रखते हुए आगामी योजनाओं को बनाता है जो भी इस जयोतिष शास्त्र मे विश्वास रखता है।
हर वर्ष ज्योतिष शास्त्र के आधार पर भविष्यवाणियों की जातीं हैं जो जन्मदिन की राशि के आधार पर ही होती है। एक राशि में करोड़ों लोगों का जन्म होता है पर स्थान व समय के कारण भविष्यवाणियां बदल जातीं हैं और लोगों को अविश्वास होने लगता है। हर वर्ष हर राशि के व्यक्तियों को लाभ व हानि होती है जन्म दिन के समय अन्य ग्रहों के प्रभावों के कारण से। अतः किसी भी जातक को भविष्यवाणी को लेकर तनाव नहीं रखना चाहिए क्योंकि ज्योतिष शास्त्र भविष्य में घटने वाली घटनाओं के संकेत मात्र ही देता है यह फल को देने वाला शास्त्र नहीं है।
लाखों करोड़ों लोगों की आस्था के इस शास्त्र को झूठलाया नहीं जा सकता है कारण इसका आधार खगोल विज्ञान है। जिस पर दुनिया के हर देश लगतार अध्ययन कर रहे हैं। वर्ष 2018 में सभी राशियों पर आकाशीय ग्रहों के प्रभाव के जो संकेत मिल रहे हैं वह केवल फल की सूचना ही है। ज्योतिष शास्त्र की मान्यता है अचूक वाणी नहीं।
मेष राशि
चू ,चे ,चो ,ला ,ली ,लू ,ले, लो , अ
मेष राशि के जातकों के लिए इस बार बृहस्पति ग्रह के कारण शुभ फल मिलेंगे। अप्रेल माह तक शनि ग्रह के फल भी व्यापार, नौकरी तथा धंधों में लाभ तथा उन्नति देंगे। लेकिन राहु केतु के कारण बनते कार्यों में बाधा उत्पन्न होगी तथा वर्ष के अंत में बृहस्पति के आठवें होने से घर परिवार में अन-बन परेशानियों के योग बन सकते है।
अज्ञातभय चिंता और आलस्य बढ़ेगा, मित्रों और पत्नि से सहयोग मिले। कोई भी कार्य सोच विचार कर करें, वाणी पर संयम रखे तथा पेट और आंखों की बीमारियों से सावधान रहे। राहु केतु की परेशानियों से बचने के लिए देवी अनुष्ठान तथा शांति पाठ करना लाभदायक रहेगा। कुल मिलाकर इस राशि के जातकों के लिए यह वर्ष मिला जुला फल देने वाला रहेगा।
वृष राशि
ई, उ, ए, ओ, वा, वि, बू, बे, बो
वृष राशि के जातकों के लिए शनि की अढेईया चुनौतीपूर्ण रहेगी तथा बृहस्पति भी अशुभ फल देने वाले बन सकते है। यदि जन्म कुण्डली में इनकी स्थिति ठीक नहीं हो। अप्रेल माह से परिणाम लाभप्रद होंगे। अत: कार्यों को सावधानी पूर्वक करें, लेन देन में सतर्क रहें, कुटुम्ब से अनावश्यक मतभेद बढ़े। पत्नि और बच्चों से सहयोग मिले, किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें। बीमारी से सावधान रहें। शनि व गुरू की शांति कराना लाभप्रद रहेगा। अक्टूबर माह में गुरू ग्रह वृश्चिक में आने से सर्वत्र सफल व लाभ मिले। बड़े लोगों से लाभ व उन्नति के अवसर मिलेंगे। मतान्तर से अढैया मे राज योग मिले। पुरानी समस्या दूर हो व गुरु ग्रह ऋण शत्रु मुक़दमा रोग से निजात दिलाने के लिए मदद करे। व्यापार मे लाभ मिलेगा व उन्नति के अवसर मिलेंगे। राहू के कारण पराक्रम बढे सम्पर्क लाभ मिले।
मिथुन राशि
क, की, कु, घ, ड, छ, के, को, ह
मिथुन राशि के जातकों के लिए राहु दूसरे स्थान पर अनिष्ट कारक बन सकते हैं। परिवार से मतभेद, पारिवारिक संपत्ति का बटवारा तथा वाणी पर असंयम, धन के मामले परेशान करे। ऋण, शत्रु, मुक़दमा परेशान कर सकते हैं। बीमारी से सचेत रहे। केतु अष्टम में आकस्मिक विपत्ति कारक बने। शनि ग्रह का सप्तम होना भी दाम्पत्य जीवन में बाधा उत्पन्न करे तथा भाग्य की उन्नति को रोक सकता है। आर्थिक तंगी और मानसिक अशांति बनी रहेगी, आय कम ख़र्च अधिक होगी, बड़े लोगों सो सहयोग मिले, स्वास्थ्य के प्रति सावधानी बरतें तथा दुर्घटना से सावधान रहे। गुरू ग्रह पांचवे स्थान पर होने से अनुकूल बन हर तरह के लाभ देंगे। शनि ग्रह व राहू और केतु की शांति कराना हितकर रहेगा।
कर्क राशि
ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो
कर्क राशि के जातकों के लिए राहू केतु के कारण कार्यो में बाधा उत्पन्न होगी तथा अनावश्यक अनजाना भय रहेगा। शिक्षा संतान प्रेम में तनाव व दाम्पत्य जीवन में कलह के योग बनते हैं। चौथे गुरू भी सुख शांति में कमी कर व्यवसाय में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं। मतान्तर से भूमि, भवन, वाहन के क्रय और विक्रय के योग से लाभ मिले तथा व्यापार धंधों में सफलता मिलेगी। ख़र्च की अधिकता, रोग बढे, गृह क्लेश बढ़े, व्यवसायी व्यापार सामान्य ढंग से चले। गुरू ग्रह व राहू और केतु की शांति कराए। छठा शनि ऋण, शत्रु, मुक़दमा, रोग से निजात दिलाने के लिए मदद करे तथा अनहोनी को टाले। मिलने वालों व मित्रों का लाभ मिले।
सिंह राशि
म, मी, मु, में, मो, टा, टी, टू, टे
सिंह राशि के जातकों के लिए शनि ग्रह पांचवे स्थान पर होने से शिक्षा संतान प्रेम व प्रतियोगी परीक्षाओं के अनुकूल बने तथा भाग्य की उन्नति करे। अनावश्यक खर्च को रोके तथा गुरू ग्रह तीसरे स्थान पर बैठ भाग्य व लाभ को बढाए तथा स्त्रियों से सुख मिले। गुरू शुभ फल देंगे। मान प्रतिष्ठा बढे। धार्मिक यात्रा योग बने। घर, परिवार में समृद्धि बढे। मित्रों और स्त्री से सुख सहयोग मिले। भूमि, भवन, वाहन के योग बने। व्यापार व नौकरी में लाभ मिले। साल के अंत में गुरू ग्रह की स्थिति अनुकूल नहीं रहे तथा परिवार व व्यवहार से लोग परेशान रहे। राहू केतु की शांति कराना हितकर रहेंगा।
कन्या राशि
टो, प, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो
कन्या राशि के जातकों के लिए गुरु ग्रह दूसरे स्थान पर बैठ लाभों में वृद्धि करे तथा अचानक धन सम्पत्ति को दिलाए तथा उच्च शिक्षा व नौकरी व्यापार से लाभ दिलाएंगे। वर्ष के अंत में सम्पर्क बढे और मित्रों से लाभ मिले। पारिवारिक संपतियां मिले तथा विवाह के अवसर मिलेंगे तथा दाम्पत्य जीवन में मधुरता रहे। चौथे शनि ग्रह की अढैया मित्र राशि में होने से राजयोग मिले तथा व्यापार धंधों व नौकरी का लाभ मिले। ऋण, शत्रु, मुक़दमा रोग से निजात मिले तथा भूमि, भवन, वाहन के क्रय के योग बने हुए हैं। ग्याहरवां राहू आकस्मिक लाभ के अवसर दिला कर प्रसन्न करेगा तथा केतु कुल की उन्नति को कराएगा। शनि ग्रह की अढैया के उपाय हितकारी रहेंगे।
तुला राशि
र, री, रू, रे, रो, ता, ति, तू, ते
तुला राशि के जातकों के लिए गुरु व शनि ग्रह की अनुकूलता से इस साल चहुंमुखी विकास के अवसर मिलेंगे। उच्च वर्ग के लोगों के सम्पर्क से भाग्य मे उन्नति होंगी और नौकरी व्यापार धंधों में सफलता मिलेगी। समाज में मान प्रतिष्ठा बढे। यात्रा योग बने हुए हैं तथा सत्ता का राजयोग बना हुआ है। स्थायी संपति का क्रय विक्रय होगा व लाभ मिलेगा। राहू दशम भाव में बैठकर कर्म का लाभ दिलाएंगे तथा ऋण शत्रु मुक़दमा रोग से निजात दिलाने मे योग कारक बने हुए हैं। केतु के कारण स्वास्थ प्रभावित होगा और परिवार से मतभेद के कारण तनाव रहेगा। राहू केतु के लिए शांति पाठ करे या दैवी शक्ति का अनुष्ठान कराएं। राहु केतु से परेशान रहेंगे। इच्छित लाभ मिले, व्यापार -धंधों में तरक़्क़ी, परिवार और मित्रों से लाभ। राहु शनि की शांति कराए।
वृश्चिक राशि
तो, न, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू
वृश्चिक राशि वालों को यह साल मध्यम ही निकलेगा। शनि ग्रह की साढ़े साती का अंतिम चरण दौड़ धूप बहुत करवाएगा। गुरू ग्रह की बारहवीं स्थिति अक्टूबर तक कष्टप्रद हो सकती है तथा बीमारी से सावधान रहें। मान प्रतिष्ठा का हनन हो सकता है। लाभ के अवसर जा सकते हैं। शनि ग्रह का दूसरा होना पूर्ण विरक्ति दे सकता है तथा भूमि, भवन, वाहन, माता व जनता से नुकसान के योग बने हुए हैं। सत्ता संघर्ष व सता परिवर्तन के योग बने हुए हैं। नवा राहू भाग्य में आमूल-चूल परिवर्तन कर सकता है तथा केतु सभी सम्बन्धों को प्रभावित कर सकता है। अतः वर्ष में गुरू शनि ग्रह के दान पुण्य करे तथा राहू केतु के लिए शांति पाठ करे और देवी का अनुष्ठान करे तथा शिव की आराधना करें।
धनु राशि
ये, यो, भ, भी, भू, फ, ढ, भे
धनु राशि के जातकों के लिए शनि की अढैया राजयोग कारक है। शनि ग्रह मनोबल बढ़ाएंगे तथा व्यापार धंधों व नौकरी का लाभ तथा पदोन्नति के योग को दिलवाएगा। दाम्पत्य जीवन में मधुरता रहे तथा संतान की उन्नति होगी। ग्यारहवें गुरू ग्रह आकस्मिक लाभ के अवसर दिला कर प्रसन्न करेंगे। संतान के नौकरी व प्रतियोगी परीक्षाओं के अनुकूल बने हैं। आध्यात्मिक यात्रा व देवकृपा मिले। मान प्रतिष्ठा बढे। राहू केतु के कारण परिवार से मतभेद हो सकते हैं। पारिवारिक संपतियों का विभाजन हो वाणी पर संयम रखना चाहिए। खर्चों पर नियंत्रण रखे। गुरू व शनि ग्रह का दान करे और राहू केतु के लिए शांति पाठ करे व देवी का अनुष्ठान करे। व्यापार सामान्य, चिंता बढ़े, आय कम ख़र्च अधिक, मित्रों ये लाभ, परिवार से तनाव, भाई व संतान से सुख। राहु ,केतु व शनि की शांति कराएं।
मकर राशि
भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, ग, गी
मकर राशि वालों को को शनि ग्रह की साढ़े साती का लाभ मिलेगा तथा पांच साल तक शनि योग कारक बन कर अपने घर को उन्नति तरक्की व रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर दिलाकर प्रसन्न करेगा व नौकरी का लाभ, व्यापार पेशे से अचानक लाभ मिलेगा तथा सत्ता का सुख दिलाएगा। ऋण, शत्रु, मुक़दमा रोग से निजात दिलाने के लिए मदद करेगा। धन की आवक बढा कर धन संचय करवाएगा। दसवां गुरू ग्रह परिवार से लाभ दिलाएगा तथा ऋण, शत्रु, मुक़दमा, रोग से निजात दिलाएंगे। भूमि, भवन, वाहन के योग बने हुए हैं। माता पिता का लाभ मिलेगा। खर्च पर संयम रखें। घर परिवार में मांगलिक कार्य होंगे। वर्ष के अंत में समय थोड़ा चुनौती पूर्ण होगा। हर कार्य सोच कर करें। शनि ग्रह के दान पुण्य करें तथा शिव की पूजा करें।
कुंभ राशि
गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, द
कुंभ राशि वालों के लिए लाभ प्रद बन रहा है शनि। मान प्रतिष्ठा बढे यात्रा योग बने तथा मांगलिक कार्य होगे। स्थायी आय के साधनों में वृद्धि होगी तथा पदोन्नति व व्यापार पेशे से लाभ मिलेगा। संतान व दाम्पत्य जीवन में मधुरता रहे तथा संतान की उन्नति होगी, मित्रों से सहयोग व समपर्क बढे। नवे गुरू भाग्यशाली योग बनाएंगे तथा हर कार्यो मे लाभ मिलेगा। राहू भी शत्रु हंता बने हुए हैं तथा इनके कारण शत्रु हारेगा व रोगो से छुटकारा मिलेगा। यश मान सम्मान मिले, संपत्ति बढें, परिवार व मित्रों से लाभ, क्रोध पर संयम। केतु गुरु की शांति कराएं।
मीन राशि
दी, दू, थ, झ,ज्, दे, दो, चा, ची
मीन राशि वालों को यह साल मध्यम निकलेगा। दसवां शनि कार्य में सफलता देगा। व्यापार धंधों में सफलता मिलेगी। नौकरी का लाभ मिलेगा तथा सत्ता में रहने के योग बनेंगे। भौतिक सुख का लाभ कम मिले। खर्चों पर नियंत्रण रखें। पत्नी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें व दाम्पत्य जीवन में मधुरता रखें अनयथा हानि के योग बने हुए हैं। कृषि, डेयरी उद्योग, मतस्य पालन, कुक्कुट पालन से लाभ मिले। गुरु ग्रह आठवें होने से तनाव बढेगा तथा आर्थिक मामलों में कमी आ सकती है। बनते कार्य में बाधा उत्पन्न होगी तथा संतान संबंधी मामले परेशान कर सकते हैं। फिर भी लाभ के अवसर मिलेंगे तथा स्थिति नियंत्रण में रहेगी। ग्रह गुरु व राहू की शांति हितकारी होगी।