लुधियाना। अपने ही रिश्तेदार की जान लेने की नीयत से फायरिंग कर उसे जख्मी करने के आरोप में सी.आई.ए.-1 की पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपियों से वारदात के दौरान प्रयोग किया गया पिस्तौल, 16 जिंदा कारतूस व मोटरसाइकिल बरामद किया है।
आरोपियों की पहचान पुलिस ने गांव मोही के रहने वले कमलजीत सिंह व गगनदीप सिंह के रूप में की है। आरोपियों के खिलाफ 30 जनवरी को हमले में जख्मी हुए सुखविंदर सिंह के भाई हरजिंदर सिंह के बयान पर जानलेवा हमला करने व आर्म एक्ट के अधीन मामला दर्ज किया गया था। आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है।
पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि जख्मी हुआ सुखविंदर व आरोपी कमलजीत आपस में सांढू है। उनके ससुर व सास की मौत हो चुकी है। सुखविंदर का अपनी पत्नी मंदीप कौर के साथ अक्सर घरेलु विवाद रहता था। इसी विवाद के चलते मंदीप कौर अपने 15 साल के बेटे समेत आरोपी कमलजीत सिंह के घर पर रहती थी।
कुछ दिन पहले मंदीप अपने सुसराल चली गई, लेकिन फिर दोनों का आपसी विवाद शुरू हो गया। इसी बात को लेकर आरोपी कमलजीत सिंह खफा था, जिस कारण उसने अपने साथी से मिल कर सुखविंदर सिंह को जान से मारने की योजना बनाई और वारदात से एक दिन पहले रैकी की थी।
योजना के अनुसार जब सुखविंदर सिंह जोकि राजगढ़ एस्टेट में सिक्योरिटी का काम करता है, सुबह करीब 6 बजे डयूटी पर जा रहा था तो आरोपियों ने नूरपुर के निकट उस पर फायरिंग कर दी। जिस कारण उसकी दाई बाजू व एक पीठ पर गोली लगी। सुखविंदर ने राहगीरों की सहायता से अपने भाई को फोन पर सूचित किया और पुलिस पार्टी भी मौके पर पहुंच गई। मामले की शुरूआत में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में पुलिस टीम ने इंवेस्टीगेशन करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया ।
पूछताछ के दौरान आरोपी कमलजीत सिंह ने बताया कि वह अपना ट्रक चलता है और दूसरा आरोपी गगनदीप सिंह उसके साथ क्लीनर है। दोनों के खिलाफ चूरा-पोस्त की तस्करी करने के आरोप में राजस्थान में मामला दर्ज है। आरोपी ने बताया कि वह तीन साल पहले मध्य प्रदेश से अवैध पिस्तौल व जिंदा कारतूस खरीद कर लाया था। पुलिस मामले को लेकर जांच कर रही है।