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समाज के मुंह पर तमाचा, मां ने दो हजार रुपए में नवजात को बेचा

 भुवनेश्वर। ओडिशा ने समाज के मुंह पर फिर तमाचा मारा है। एक ओर जहां प्रधानमंत्री देश को कैशलेस अर्थव्यवस्था की तरफ ले जाने की बात करते हैं दूसरी ओर केन्द्रपाड़ा शहर के निकट एक मां ने गरीबी के कारण अपने नवजात बच्चे को अपने गांव की ही एक महिला को दो हजार रुपये में बेच दिया। हालांकि मामले की जानकारी मिलाने के बाद जिला शिशु मंगल कमेटी (चाइल्व वेलफेयर कमेटी) के अध्यक्ष शिशिर कुमार राउतराय ने हस्तक्षेप कर बच्चा खरीदने वाली महिला से नवजात को उसकी मां को वापस दिला दिया है। शिशु कल्याण कमेटी ने अपने स्तर से इस मामले की जांच शुरु कर दी है। समाचार लिखे जाने तक दिल दहलाने वाली इस घटना की पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं हो पाई थी।

केन्द्रपाड़ा शहर के निकट स्थित उदय नगर गांव में गीता मुर्मु नामक एक जनजातीय महिला रहती है। गीता का पति उसे छोड़ कर चला गया है। गीता को एक 12 साल की लड़की व आठ साल का लड़का है। पति के चले जाने के बाद वह मजदूरी कर अपने बच्चों को पालती रही है।

रविवार को गीता ने एक और बच्चे को जन्म दिया था। लेकिन गरीबी के कारण बच्चे के लालन-पालन में दिक्कत आने की आशंका को देखते हुए उसने उसी गांव की ममता साहु को एक दिन के बच्चे को दो हजार रुपये में बेच दिया।

इस संबंध में जानकारी मिलने के बाद जिला शिशु मंगल कमेटी के अध्यक्ष शिशिर कुमार राउतराय घटना स्थल पर पहुंचे| उनके हस्तक्षेप के बाद नवजात अपनी मां के पास आ गया है।

मंगलवार को सीडब्ल्यूसी ने इस मामले की जांच शुरु की। सीडब्लूसी के सदस्य विजय साहु ने बताया कि इस घटना के प्रचारित होने के बाद खरीदने वाली महिला ने बच्चा लौटा दिया। इस मामले में बेचने वाली महिला व खरीदने वाली महिला से पूछताछ की जा रही है। बच्चा अपनी मां के पास है।