तिरुवनंतपुरम। केरल सरकार (Kerala govt) ने एक अहम फैसले में सोमवार को कहा कि वह उच्च शिक्षा विभाग के तहत आने वाले सभी राज्य विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं (female students) को मासिक धर्म (Menstrual leave) की छुट्टी देगी. उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदू ने कहा कि कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (सीयूएसएटी) द्वारा अपने छात्रों को मासिक धर्म की छुट्टी प्रदान करने का संकेत लेते हुए सरकार ने विभाग के दायरे में आने वाले सभी राज्य विश्वविद्यालयों में इसे लागू करने का फैसला किया है.
उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदू ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, “मासिक धर्म के दौरान छात्राओं को होने वाली मानसिक और शारीरिक कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए सभी विश्वविद्यालयों में मासिक धर्म की छुट्टी लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.”
हाल ही में कोचीन विश्वविद्यालय द्वारा लिए गए निर्णय की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह केरल में पहली बार है कि किसी शैक्षिक केंद्र ने छात्राओं को मासिक धर्म की छुट्टी दी है.
विश्वविद्यालय के एसएफआई के नेतृत्व वाले छात्र संघ द्वारा किए गए एक प्रतिनिधित्व के बाद सीयूएसएटी ने निर्णय लिया था. छात्रों की लंबे समय से चली आ रही मांग को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय ने 11 जनवरी को प्रत्येक सेमेस्टर में महिला छात्रों की उपस्थिति में कमी के लिए अतिरिक्त दो प्रतिशत की छूट दी थी. उन्होंने इस तरह की पहल करने के लिए छात्र संघ की भी प्रशंसा की और कहा कि “मासिक धर्म की छुट्टी का मॉडल पूरे राज्य के विश्वविद्यालयों में लागू किया जाएगा.”
मंत्री ने कहा, “उच्च शिक्षा विभाग द्वारा शुरू की गई महिला सशक्तिकरण गतिविधियों को जारी रखने के लिए छात्र नेतृत्व और विश्वविद्यालय नेतृत्व की सफलता को एक साथ काम करते हुए देखना बहुत खुशी की बात है.” बिंदू ने कहा कि मासिक धर्म कई लोगों के लिए भावनात्मक रोलर कोस्टर का दिन होता है. “लड़कियों को उनके मासिक धर्म के कठिन दिनों में आराम करने दें,”