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संसद की कैंटीन में लजीज दाल में निकली मकड़ी, नेता-अफसर सब चौंके


नई दिल्ली। देशभर के स्कूलों में बच्चों के पोषाहार में सांप, छिपकली और कीड़े-मकोड़े निकलना आम बात है। लेकिन इस बार संसद की कैंटीन में दाल में मकड़ी निकलने की घटना ने नेताओं का जायका बिगाड़ दिया है। यह मकड़ी एक अफसर की दाल में निकली। उसने सम्बन्धित अफसरों से लेकर मंत्री तक शिकायत दर्ज कराई है।

लोकसभा सचिवालय स्थित संसद की कैंटीन में एक वरिष्ठ अधिकारी ने खाने का ऑर्डर दिया। खाना सर्व हुआ लेकिन दाल में पड़ी मकड़ी देखकर वह दंग रह गए।

 

अधिकारी ने संसद के फूड मैनेजमेंट कमेटी के चेयरमैन ए पी जीतेंद्र रेड्डी को शिकायत दी है। इसके अलावा संसदीय मामलों के मंत्री(राज्य) एसएस अहलूवालिया को भी शिकायत की है। रेड्डी ने मामले को लेकर तुरंत ही कार्रवाई करने को कहा है।

 

अब नहीं मिलता सस्ता खाना

संसद की कैंटीन में खाने-पीने की चीजों के दाम साल 2016 की शुरुआत में बढ़ा दिए गए थे। 1 जनवरी 2016 से ही संसद कैंटीन में खाने के लिए तीन गुना अधि‍क कीमत चुकानी पड़ती है।

पार्लियामेंट की कैंटीन को करीब 16 करोड़ रुपए की सब्सिडी मिलती थी जो पीएम मोदी ने 2016 में खत्म कर दी गई। इन बदलाव के चलते कैंटीन ने ‘नो प्रॉफ़िट, नो लॉस’ की नीति अपनाई थी। सब्सिडी खत्म करने के बाद 61 रुपए वाली थाली अब 90 रुपए में मिलेती है जबकि 29 रुपए में मिलने वाली चिकन करी 40 रुपए में मिलेती है।

कीमतों में यह बढ़ोतरी सांसदों, लोकसभा और राज्यसभा के अधिकारी, मीडियाकर्मियों, सुरक्षा स्टाफ और साथ ही मेहमानों के लिए भी लागू होती हैं। हालांकि, रोटी और चाय जैसी कुछ चीजों की कीमतों में बदलाव नहीं किया गया था। इसके अलावा व्यंजनों की संख्या भी घटा दी गई थी। पहले 125 से 130 व्यंजन रोज पकाए जाते थे अब अमूमन प्रतिदिन 25 व्यंजन पकाए जाते हैं।

 

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