शहडोल। श्राद्ध पक्ष में लोग अपने दिवंगत परिजन को याद करते हैं लेकिन जिले में एक बेटे ने पैसे नहीं मिलने पर अपने पिता की चिता मुखाग्नि देने से ही इनकार कर दिया। मां बेटे को फोन कर बुलाती रही, उससे एक बार घर आने की विनती करती रही, लेकिन उसका दिल नहीं पसीजा। मां ने उसे दुहाई दी कि आखिरी बार पिता का मुंह देख ले, उन्हें मुखाग्नि देकर चले जाना, लेकिन बेटे ने साफ इनकार कर दिया।
ऐसा उसने सिर्फ इसलिए किया क्योंकि माता-पिता ने उसके द्वारा की गई रुपयों की मांग पूरी नहीं की थी। आखिर में हिम्मत और साहस दिखाते हुए पत्नी ने ही अपने पति को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया। यह हृदय विदारक घटना ब्यौहारी थाना क्षेत्र में सामने आई है। अंतिम संस्कार के दो दिन बाद मां ने कलयुगी बेटे के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
यह है मामला
ब्यौहारी थाना क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 11 कछियान टोला निवासी पार्वती बर्मन पति स्व. रामस्वरूप बर्मन (65) के एक पुत्र और दो पुत्रियां हैं। उसने बताया कि उसके इकलौते पुत्र मनोज बर्मन (31 वर्ष) का विवाह हो चुका है। आए दिन वह माता-पिता से पैसे की मांग कर झगड़ा करता रहता था, रुपयों की मांग पूरी नहीं होने पर वह ब्यौहारी में अपने परिवार के साथ किराए के मकान में रहने लगा था।
ब्यौहारी थाना क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 11 कछियान टोला निवासी पार्वती बर्मन पति स्व. रामस्वरूप बर्मन (65) के एक पुत्र और दो पुत्रियां हैं। उसने बताया कि उसके इकलौते पुत्र मनोज बर्मन (31 वर्ष) का विवाह हो चुका है। आए दिन वह माता-पिता से पैसे की मांग कर झगड़ा करता रहता था, रुपयों की मांग पूरी नहीं होने पर वह ब्यौहारी में अपने परिवार के साथ किराए के मकान में रहने लगा था।
पिता की मौत से एक दिन पहले भी वह (मां-पिता के) घर आया था और डेढ़ लाख रुपए की मांग कर रहा था। लेकिन, मां ने रुपये नहीं होने की बात कहकर उसे मना कर दिया। जिससे नाराज होकर वह रात में वहां से चला गया। अगली सुबह मनोज के पिता का बीमारी से निधन हो गया।
मां ने बेटे से मोबाइल पर बात करते हुए पिता की मौत की खबर देकर जल्दी घर आने को कहा। लेकिन उस पर कोई फर्क नहीं पड़ा। उसने मां से दो टूक शब्दों में कहा कि मुझे पैसे भेजो, तब ही घर आऊंगा, वरना नहीं। मां ने रो-रोकर दुहाई देकर कहा कि अभी पैसे नहीं हैं, तू ऐसे समय में रुपयों की जिद कर रहा है, जब तेरे पिता की लाश घर में मौजूद है।
लेकिन, इसके बाद भी बेटे का दिल नहीं पसीजा और उसने मां से यह तक कह दिया कि घर बेचकर मुझे पैसे दो, वरना मैं पिता को मुखाग्नि देने नहीं आऊंगा। माँ के अलावा मनोज की पत्नी ने भी कई बार उसे फोन करके घर आने को कहा, लेकिन वह नहीं आया। कुछ देर बात उसने अपना मोबाइल बंद कर लिया।
बेटे ने बात नहीं मानी और फिर उसने अपना मोबाइल भी स्विच ऑफ कर लिया तो मृतक की पत्नी पार्वती ने स्वयं ही पति को मुखाग्नि देने का निर्णय लिया। जिसके बाद वह पति की चिता के आगे शमशान घाट गई और पति को मुखाग्नि देकर अंतिम सस्ंकार किया। इस दौरान जिसने में भी यह नजारा देखा, वह हैरान रहा गया। एक बेटा होने के बाद उसके पिता को मां को अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी करनी पड़ी।
पति के अंतिम संस्कार के दो दिन बाद पार्वती अपनी पुत्री सुषमा और सुमन के साथ ब्यौहारी थाना गई और पुलिस को घटनाक्रम की जानकारी देते हुए बेटे के खिलाफ केस दर्ज कराया।