नई दिल्ली। फेसबुक संचालित व्हाट्सएप ने दावा किया इसके एक अरब से भी ज्यादा उपयोगकर्ताओं को डाटा में सेंधमारी को लेकर कोई खतरा नहीं है। जबकि जर्मनी के कूटलेखकों ने व्हाट्सएप ग्रुप चैट यानी सामूहिक बातचीत में घुसपैठ के खतरों के प्रति आगाह किया था। व्हाट्सएप का दावा है कि एंड-टू-एंड इन्क्रिप्शन (आद्योपांत कूटलेखन) अभेद्य है।
जर्मनी के रुहर यूनिवर्सिटी बोचूम के कूटलेखकों (क्रिप्टोग्राफर) ने बुधवार को ज्यूरिख में आयोजित रियल वर्ल्ड क्रिप्टो सिक्योरिटी कान्फरेंस में लोगों को बताया कि एप्स के सर्वर का नियंत्रण जिस व्यक्ति के पास है वह नए लोगों को प्राइवेट ग्रुप चैट के बीच में ला सकता है और इसके लिए एडमिन की इजाजत की जरूरत नहीं है।
शोधकर्ताओं में शामिल पॉल रोस्लर ने कहा कि चूंकि अनामंत्रित सदस्य सारे नए संदेश प्राप्त कर सकते हैं और उन्हें पढ़ सकते हैं, इस तरह ग्रुप की गोपनीयता समाप्त हो जाती है।
रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए फेसबुक के मुख्य सुरक्षा अधिकारी एलेक्स स्टेमोस ने ट्वीट करके कहा कि व्हाट्सएप के बारे में वायर्ड आलेख पढ़िए-भयभीत करने वाली सुर्खी! लेकिन व्हाट्सएप ग्रुप चैट में घुसपैठ का कोई गोपनीय रास्ता नहीं है। आलेख में कुछ अहम बिंदुओं का जिक्र किया गया है।
व्हाट्सएप के प्रवक्ता ने कहा कि हमने इस मसले पर सावधानीपूर्वक गौर किया है। व्हाट्सएप ग्रुप में नए लोगों के शामिल किए जाने पर मौजूदा सदस्यों को सूचित किया जाता है। हमने व्हाट्सएप ग्रुप मैसेजेज को ऐसा बनाया है कि गुप्त उपयोगकर्ता के पास इसके संदेश नहीं पहुंच सकते हैं।
उपयोगकर्ताओं की निजता व सुरक्षा व्हाट्सएप के बहुत ही महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि हम बहुत कम सूचना संग्रह करते हैं और सारे संदेश व्हाट्सएप पर आद्योपांत कूटभाषा में लिखा होता है। रिपोर्ट के मुताबिक व्हाट्सएप ग्रुप चैट्स पर हमले में बग से फायदा मिलता है।