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विवाहेत्तर सम्बन्ध बिगड़े तो जवान ने पत्नी-बच्चों को गोली मार की आत्महत्या

 

 

अगरतला। त्रिपुरा राज्य राइफल के एक जवान ने मंगलवार सुबह यहां अपनी सर्विस रिवाल्वर से गोली मारकर पत्नी और दो बच्चों की हत्या करने के बाद खुदकुशी कर ली। इस दर्दनाक घटना के बाद अगरतला के दक्षिणी क्षेत्र स्थित सुभाष नगर में तनाव का माहौल है।

हालात को सामान्य करने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को इस क्षेत्र में तैनात किया गया है तथा प्रशासन ने सादी वर्दी में तैनात सुरक्षा बलों से लोगों में आत्म विश्वास पैदा करने के लिए कारगर कदम उठाने काे कहा है।

 

यह घटना उत्तरी त्रिपुरा में सीमा सुरक्षा बल के एक जवान द्वारा अपने तीन सहयोगियों की गोली मारकर हत्या के बाद आत्महत्या करने के दो दिन बाद घटित हुई है।

पुलिस ने बताया कि टीएसआर के पहली बटालियन के जवान माणिक घोष (40) ने तड़के पत्नी रत्ना घोष (34) को रसोई घर में गोली मार दी और इसके बाद बेटे दीपराज घोष (10) तथा बेटी इप्सीता घोेष (4) को नाश्ता की टेबल पर गोली मार दी। इस घटना में उसके पिता तथा छोटा भाई बाल-बाल बच गए।

प्राप्त जानकारी के अनुसार घोष सुबह लगभग साढ़े पांच बजेट गोकुलनगर स्थित बटालियन के मुख्यालय में गया और एक एसएलआर के साथ सादी वर्दी में लगभग पौने छह बजे अपने घर लौट आ गया।

उन्होंने बताया घोष ने लगभग 16 वर्ष पहले एक बंदूकधारी सैनिक के तौर पर भर्ती हुआ था लेकिन एक घटना के बाद कुछ वर्ष पूर्व उसे गैरहथियार धारी की ड्यूटी पर तैनात कर दिया गया था।

पुलिस ने बताया कि शुरुआती जांच में यह घटना वैवाहिक मतभेद की लग रही है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि दोनों में विवाहेत्तर संबंधों को लेकर असर झगड़े होते रहते थे।

घोष के पड़ोसी सुजॉय घोेष ने बताया कि दोनों के बीच कल रात भी झगड़ा हुआ था, लेकिन परिजनों ने हस्तक्षेप कर मामले को शांत करा दिया था। तड़के घोष के परिवार के बाकी सदस्य जब सो रहे थे तो बाहर गया और जब वह पुन: घर आया तो रत्ना नाश्ता बना रही थी और दोनों बच्चे नाश्ते के लिए उसका इंतजार कर रहे थे।

घोष ने अपनी मोटरसाइकिल को दरवाजे पर खड़ी की और रसोई घर में पत्नी के सिर में नजदीक से गोली मार दी। इसके तुरंत बाद उसने दोनों बच्चों को भी गोली मार दी। इस बीच उसे रोकने के लिए आए पिता और छोटे भाई पर घोष ने बंदूक तान दी लेकिन दीवार की आड़ में होकर वे बचने में कामयाब हो गए। इसके बाद घोष ने खुद को गोली मार ली।

पुलिस अधीक्षक अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि पुलिस मामले की इस दृष्टिकोण से जांच कर रही है कि घोष एक गैर हथियारधारी सैनिक होने के बावजूद इतनी सुबह एसएलआर को घर लाने में कामयाब कैसे हो गया।