दुमका। झारखंड में दुमका की एक सत्र अदालत ने हत्या और सामूहिक दुष्कर्म से संबंधित छह साल पुराने एक मामले में छह आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
दुमका के द्वितीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश पवन कुमार की अदालत ने सत्र वाद संख्या 217/013 में छह साल पूर्व मेला देखकर घर लौट रहे एक व्यक्ति की हत्या करने और मृतक की पत्नी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किए जाने से संबंधित मामले में दोषी पाकर आरोपी पलटु मंडल, भोला मरीक, राजेश मरीक, मुन्ना कुमार यादव, चन्द्र किशोर राणा और फंटुस मंडल को यह सजा सुनाई। इस मामले में सरकार की ओर से लोक अभियोजक अवध बिहारी सिंह और बचाव पक्ष की ओर से सोमा गुप्ता ने पैरवी की और बहस में हिस्सा लिया।
लोक अभियोजक सिंह ने बताया कि न्यायालय द्वारा भारतीय दंड विधान की धारा 302 एवं 34 के तहत आरोपियों को दोषी पाकर आजीवन कारावास के साथ दस-दस हजार रुपया जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई गई। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर आरोपियों को एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
वहीं, भादवि की धारा 201/34 के तहत तीन साल की सजा और दो-दो हजार रूपया जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई गई। जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
जबकि भादवि की धारा 376 के तहत आरोपियों को 12 साल की सजा और पांच-पांच हजार रूपया जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई गई। जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर सभी आरोपियों को एक-एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी।
लोक अभियोजक ने बताया कि घटना को लेकर सोना लाल सोरेन की शिकायत पर सरैयाहाट (हंसडीहा) थाना में 28 अक्टूबर 2012 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, सूचक का पुत्र अपनी पत्नी के साथ दुर्गापूजा के मौके पर छोटा गम्हरिया गांव मेला देखने गया था। मेला देखकर घर लौटने के क्रम में बोलेरो सवार आरोपियों ने उसके पुत्र की पत्नी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और साथ में चल रहे उसके पति के साथ मारपीट कर हत्या कर दी।