नई दिल्ली। लोकसभा के पूर्व स्पीकर और कांग्रेस के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बलराम जाखड़ का बुधवार सुबह राजधानी दिल्ली में निधन हो गया। वह लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई अन्य नेताओं ने शोक जताया है। स्वर्गीय जाखड़ का अंतिम संस्कार पंजाब स्थित उनके पैतृक गांव पंचकोशी में किया जाएगा।
लगभग 92 वर्षीय जाखड़ का निधन आज सुबह करीब सात बजे राजधानी स्थित उनके आवास पर हुआ। उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए पंजाब के अबोहर स्थित पैतृक गांव पंचकोशी ले जाया गया है, जहां गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
उनके निधन पर दु:ख व्यक्त करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने एक शोक सन्देश में कहा कि उन्होंने अपने सार्वजनिक जीवन में एक राजनेता, स्पीकर और गवर्नर के रूप में देश के लिए जो योगदान किया, उसे राष्ट्र कभी नहीं भूल सकता। खास तौर पर कृषि और किसानों से जुड़े मुद्दों के निराकरण और संसदीय व्यवस्था में आधुनिकीकरण के लिए किये गए उनके कार्यों को हमेशा याद रखा जाएगा।
23 अगस्त-1923 को जन्म लेने वाले डॉ. बलराम जाखड़ को सर्वसम्मति से लगातार दो बार लोकसभा स्पीकर चुने जाने के लिए याद किया जाता है। किसान से राजनेता बनने वाले स्वर्गीय जाखड़ सातवीं लोकसभा में निर्वाचन के तुरंत बाद लोकसभा अध्यक्ष के लिए चुने गए थे। एक किसान के रूप में उन्होंने जो काम किये, उसके लिए 1975 में उन्हें राष्ट्रपति द्वारा ऑल इंडिया उद्यान पंडित की उपाधि प्रदान की गई। कृषि क्षेत्र में उनके योगदान को मान्यता प्रदान करते हुए उन्हें हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार और गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय ने क्रमश: उन्हें डाक्टर ऑफ साइंस और विद्या मार्तण्ड की मानद उपाधियां प्रदान की थीं। अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने भारतीय संसद में समिति प्रणाली को नया रूप देने के कई कदम उठाए। संसद सदस्यों के लिए सेवाओं के कम्प्यूटरीकरण तथा स्वचालन प्रणाली की शुरूआत भी उनके कार्यकाल में हुई ढ्ढ उन्होंने सदस्यों के हित के लिए संसदीय ग्रंथालय और इसकी शोध, सन्दर्भ, प्रलेखन और सूचना सेवाओं के विस्तार के लिए भी कई कदम उठाए।