अहमदाबाद। अहमदाबाद के वटवा इलाके में गत 19 जून को अपने 4 बच्चों की हत्या करने के बाद स्वयं भी फांसी लगाने वाले 2 भाइयों ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वे कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के दौरान रोजगार नहीं होने के कारण अपने ऋण का भुगतान नहीं कर पा रहे थे जो कि कुल 35 लाख रुपए का था।
दो भाइयों अमरीश पटेल (42) और गौरंग पटेल (40) और उनके चार बच्चे एक फ्लैट में फंदे से लटके मिले थे। यह फ्लैट दोनों भाइयों में से एक का था जहां कोई रहता नहीं था। दोनों भाई अपने बच्चों के साथ गत 17 जून को अपने अपने घर से निकले थे और अपनी पत्नियों को साथ नहीं लिया था। इन सभी के वापस नहीं लौटने पर दोनों भाइयों की पत्नियों ने पुलिस से संपर्क किया।
वटवा जीआईडीसी पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक डीआर गोहिल ने कहा, हमारी जांच में पता चला है कि परिवार के 45 ऋण खाते थे, 27 क्रेडिट कार्ड थे जिसका 12 लाख रुपए चुकाया जाना था। इन्होंने व्यक्तिगत, गृह, कार आदि ऋण भी लिए थे। एक भाई किसी कंपनी के लिए टैक्सी चलाता था जबकि दूसरा भाई कपड़ा उद्योग में काम करता था।
उनकी वित्तीय स्थिति लॉकडाउन के कारण और खराब हो गई, इसके चलते उन्होंने अपने बच्चों के साथ ऐसा कदम उठाया।