नई दिल्ली। रेलवे ने अपने कर्मचारियों को 78 दिन के बोनस की घोषणा कर जहां दिवाली की खुशियां बढ़ा दी, वही अब एक आदेश जारी कर कर्मचारी और पेंशनर्स को बड़ा झटका दिया है। उन्हें अब कैशलेस उपचार सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा। इस सम्बंध में रेलवे बोर्ड के प्रधान कार्यकारी निदेशक ने आदेश जारी कर दिए हैं।
रेल कर्मचारियों के लिए हाल ही में बोनस का ऐलान किया गया है। हालांकि इसके साथ ही कर्मचारी पेंशनर्स और आश्रितों को बड़ा झटका लगा है। अब निजी अस्पताल में बिना रेफर उन्हें इमरजेंसी कैशलेस उपचार की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जाएगी। रेलवे बोर्ड ने देश में चल रही कैशलैस ट्रीटमेंट स्कीम इन एमरजैंसी यानी सीटीएसई को वापस ले लिया है।
16 अक्टूबर को बोर्ड द्वारा आदेश जारी किया गया है। हालांकि गंभीर बीमारी में रेल कर्मचारी और परिजनों को निजी बड़े अस्पताल में पुरानी कैशलेस रेफरल की सुविधा मिलती रहेगी।
बता दें रेलवे बोर्ड द्वारा जनवरी 2021 में कर्मचारियों और परिजनों को आपात स्थिति में समुचित उपचार की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सीटीएसई को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया था। पैनल में निजी अस्पताल को भी शामिल किया गया था।
गंभीर बीमारी से पीड़ित रेल कर्मचारी, पेंशन भोगी और आश्रित आपात स्थिति में रेलवे अस्पताल से रेफर हुए बिना पैनल के निजी अस्पताल में इलाज कर सकते थे। अब इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का निर्णय लिया गया है। ऐसे में इसके सदस्यता के लिए जमा की गई राशि के लिए कार्ड धारक को कोई रिफंड जारी नहीं किया जाएगा। मामले में रेल मंत्रालय के वित्त निदेशालय द्वारा भी अपनी सहमति दी गई है।