IREF ने तर्क दिया है कि रेलवे ने बेशक 1 जनवरी 2016 को 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू कीं, फिर भी PLB की गणना और पेमेंट छठे वेतन आयोग द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन के आधार पर किया गया है.
छठे वेतन आयोग में ग्रुप डी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन केवल 7000 रुपये दिया गया था, जबकि 7वें वेतन आयोग में इसे बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया गया है.
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फेडरेशन के मुताबिक, ग्रुप सी और ग्रुप डी के सभी कर्मचारियों को केवल 17,951 रुपये मिलते हैं, जिसकी गणना न्यूनतम मासिक वेतन 7000 रुपये के आधार पर की जाती है.
उनकी मांग है कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत न्यूनतम वेतन मानते हुए इसे बढ़ाकर 46,159 रुपये किया जाए.