नई दिल्ली। सरकार ने रेल टिकटों की कालाबाजारी को जड़ से समाप्त करने के लिए टिकट बुकिंग एजेंटों की नियुक्ति की व्यवस्था समाप्त करने का फैसला किया है और यात्री अपने मोबाइल फोन या निजी कंप्यूटर से अथवा कॉमन सर्विस सेंटर से टिकट बुक करा सकेंगे।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में आम बजट 2020-21 के तहत रेल मंत्रालय की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का उत्तर देने के दौरान यह घोषणा की।
गोयल ने कहा कि रेलवे टिकटों की कालाबाज़ारी पर लगाम लगाने के उद्देश्य से उन्होंने ऐसे एजेंटों के खिलाफ एक गहन जांच-पड़ताल के बाद मुहिम छेड़ी। रेलवे के तत्काल टिकट काे बुक करने वाले अवैध साॅफ्टवेयरों को पकड़ा है और दलालों के खिलाफ कार्रवाई की है। साॅफ्टवेयर बेचने वाले 104 लोगों और 5,300 दलालों को गिरफ्तार किया गया है। 884 वेंडरों को कालीसूची में डाला गया है।
रेल मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस पूरे गोरखधंधे को देखते हुए बुकिंग एजेंटों की नियुक्ति को बंद करने का फैसला किया गया है। आजकल सबके पास स्मार्टफोन होते हैं। लाेग अपने फोन से बुकिंग कर सकते हैं। सरकार के कॉमन सर्विस सेंटरों से भी टिकट बुक कराया जा सकता है।
उन्होंने लोगों से अपील की कि वे गारंटी वाले टिकटों के झांसे में नहीं आएं और ईमानदारी से टिकट खरीदें। उन्होंने कहा कि हाल में चलाये गये अभियान में 10 करोड़ रुपए के ऐसे टिकट रद्द किये गये हैं जो अवैध साॅफ्टवेयर से बनाए गए थे। लोगों का पैसा भी डूबा और टिकट भी हाथ से गया। इसलिए लोग गलत चक्करों में नहीं आएं तथा ईमानदारी से टिकट खरीदें।