नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अगर अमेठी और वायनाड दोनों सीटों से चुनाव जीते तो एक सीट अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को तोहफे में देंगे। माना जा रहा है कि राहुल अमेठी संसदीय सीट अपनी बहन के लिए खाली करेंगे। कांग्रेस की राजनीति के जानकारों का मानना है कि तब अमेठी से प्रियंका को चुनाव लड़ाना कांग्रेस के लिए फायदेमंद रहेगा।
राहुल गांधी अमेठी से ही चुनाव लड़ते रहे हैं। जबकि इस बार उन्होंने पहली बार केरल की वायनाड सीट से भी नामांकन किया है। कांग्रेस को उम्मीद है कि राहुल दोनों ही सीटें जीतेंगे। ऐसा होने पर राहुल अमेठी सीट छोड़ देंगे। अमेठी से प्रियंका को चुनाव लड़ाया जाएगा।
मालूम हो कि प्रियंका ने हाल ही सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया है। उन्हें कांग्रेस महासचिव की जिम्मेदारी के साथ ही पूर्वी यूपी का प्रभारी भी बनाया गया है। ऐसे में अमेठी सीट पर प्रियंका की जीत भी आसान होगी और वह राजनीति में स्थापित भी हो जाएंगी।
गांधी परिवार का दक्षिण से नाता
गांधी परिवार के राहुल तीसरे सदस्य हैं, जो दक्षिण भारत से भी भाग्य आजमा रहे हैं। इमरजेंसी के बाद 1977 के आम चुनाव में इंदिरा गांधी रायबरेली से चुनाव हार गईं। तब 1978 में कांग्रेस के तत्कालीन सांसद डीबी चंद्रगौडा ने अपनी चिकमंगलूर सीट इस्तीफा देकर इंदिरा गांधी के लिए खाली कर दी। उपचुनाव में जनता पार्टी के प्रत्याशी वीरेंद्र पाटिल को 80 हजार से ज्यादा मतों से हराकर इंदिरा लोकसभा पहुंचीं।
1980 का लोकसभा चुनाव इंदिरा ने रायबरेली और मेडक (आंध्रप्रदेश) से लड़ा था और दोनों ही सीटें अच्छे अंतर से जीतीं। अपने अंतिम चुनाव में दो सीटों पर जीतीं इंदिरा ने रायबरेली से इस्तीफा दे दिया था। राजीव गांधी की हत्या के कई साल बाद चुनावी मैदान में उतरीं सोनिया गांधी ने भी अमेठी और बेल्लारी (कर्नाटक) से एक साथ लोकसभा चुनाव लड़ा। फिर दोनों जगहों से जीतने पर उन्होंने बेल्लारी सीट छोड़ दी थी।