कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक जल्द
नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन, एनडीए सरकार के केंद्र में दो साल पूरे होने के जश्न और वरिष्ठ नेताओं के बीच पार्टी नेतृत्व पर छिड़ी बहस में एक दूसरे को निशाना बनाने के बीच आलाकमान ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक की तारीख तय करने का निर्देश दिया है। इस नकारात्मकता भरे माहौल के बीच पार्टी हालिया विधानसभा चुनाव नतीजों का विश्लेषण करने के लिए कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक आयोजित करने पर विचार कर रही है। उम्मीद ये भी जताई जा रही है कि इस बैठक के दौरान ही राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की घोषणा भी कर दी जाएगी।
पार्टी में निर्णय लेने वाली सबसे बड़ी इकाई सीडब्ल्यूसी यानी कांग्रेस वर्किंग कमेटी की कमान पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के हाथों में है। सूत्रों के अनुसार उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से इसकी बैठक आयोजित करने के लिए तारीख तय करने के लिये कहा है। जोकि इसी माह में आयोजित होने की संभावना है।
राहुल की ताजपोशी के समय को लेकर पार्टी में दो मत हैं। पहला यह कि पार्टी में होने वाले बदलाव के तुरंत बाद राहुल को अध्यक्ष मनोनीत कर दिया जाए और दूसरा मत ये है कि पार्टी में बदलाव के बाद नई टीम के साथ राहुल कुछ महीने काम करके तालमेल बिठा लें और अक्टूबर में सोनिया के इस्तीफे के बाद राहुल को अध्यक्ष बना दिया जाए। अक्टूबर में ही पार्टी में संगठन चुनाव भी संभावित हैं। सोनिया गांधी से मुलाकात कर निकलने वाले नेता भी संकेत दे रहे हैं कि वो बड़े बदवाल की रुपरेखा तैयार कर चुकी हैं।
वहीं शीर्ष पदों में परिवर्तन की मांग को देखते हुए यह संभावना है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी युग के वरिष्ठ नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। जिसको लेकर पार्टी के दो धड़ों में तनातनी का माहौल है। इसको लेकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बीच दो बैठकों में बदलाव पर बात हो चुकी है।
गौरतलब है कि हाल ही में असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुद्दुचेरी राज्यों के आये विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से कांग्रेस में एक बार फिर अंदरूनी जंग शुरू हो गई है और पार्टी के नेता व कार्यकर्ता आला नेतृत्व में परिवर्तन की मांग करने लगे हैं। इसके अलावा 2017 में पंजाब, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और गोवा में चुनाव प्रस्तावित हैं। हालांकि पार्टी का भाग्य बदलने की नीयत से कांग्रेस ने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की सेवाएं ली हैं। इसके बावजूद उसके एक बड़ी ताकत बन पाने की संभावना न के बराबर ही है।
इससे पहले दिग्विजय सिंह के हालिया बयानों में पार्टी के भीतर घमासान मचा दिया जिसके परिणामस्वरूप पीसी चाको को सामने आकर साफ करना पड़ा कि ऐसे मसलों को उठाने के लिए पार्टी के भीतर ही विभिन्न मंच मौजूद हैं।
उन्होंने दूसरों को सार्वजनिक मंचों से ऐसे मामलों को उठाने से दूर रहने की चेतावनी देते हुए कहा था कि पार्टी के कामकाज और कार्यशैली में बदलाव की दिशा में वरिष्ठों द्वारा दिये जाने वाले हर सुझाव का हम स्वागत करते हैं। हममें से हर किसी के पास कांग्रेस वर्किंग कमेटी का हिस्सा बनने का मौका है। अब चुनावों के बाद के परिदृश्य में हम बहुत ही जल्द सीडब्ल्यूसी की बैठक आयोजित करने वाले हैं। दिग्विजय सिंह सहित हममें से हर किसी के पास पार्टी के भीतर के इस सबसे बड़े मंच का हिस्सा बनने का अवसर है और वहां पर हर कोई खुलकर अपनी बात कहने के लिए स्वतंत्र है।