सिरसा। अपनी दो चेलियों से रेप करने पर 20 साल के लिए जेल पहुंच चुके राम रहीम की रहस्यमय गुफा में अब पुलिस पहुंच चुकी है। पुलिस ने गुफा यानी बाबा के आलीशान आवास की तलाशी ली। भीतर शानदार फर्नीचर, डीलक्स डबल बैड, लक्जरी बाथरूम सहित आधुनिक सुविधाएं मिलीं। यानी यह केवल नाम की गुफा है। असल मे यह 5 स्टार होटल को भी पीछे छोड़ती है।
रासलीला का अड्डा
डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम इसी गुफा में अपनी अनुयायियों से रासलीला रचाता था। जिस महिला या लड़की पर उसका दिल आ जाता, वह उसे अपनी सेवा में ले लेता था। हैरानी की बात यह है कि कई माता-पिता अंधभक्ति के चलते अपनी बेटियों को बाबा की सेवा में छोड़ देते थे। ऐसी ही 18 लड़कियों को मंगलवार को डेरे से मुक्त कराकर मेडिकल मुआयना करेगा गया।
माफी यानी सम्भोग
बाबा के पूर्व सेवादारों का कहना है कि जिस भी महिला या लड़की पर बाबा का दिल आ जाता, वह उससे सम्भोग करता था। इसे कोडवर्ड में माफी कहा जाता था। यानी बाबा के साथ सोने वाली चेली को माफी मिल जाती और मना करने वाली को सजा।
इर्द-गिर्द केवल महिला सेवक
बाबा राम रहीम की गुफा में सेवा के लिए केवल महिला सेवकों की तैनाती की जाती थी। वहां एक बार में 209 सेविकाओं को रखा जाता था। उसके आस-पास सिर्फ महिला अनुयायी ही तैनात रहती थीं।
देखें वीडियो
भक्तों की बेटियों को बनाया जाता था सेविका
कई लड़कियां तो सिर्फ इस वजह से बाबा के डेरे में रहती थी, क्योंकि उनके घरवाले राम रहीम के भक्त थे। यही कारण था कि वह डेरा नहीं छोड़ सकती है. एक साध्वी ने बताया कि जब वह राम रहीम के आवास से बाहर आईं तो उनसे कई लोगों ने पूछा कि क्या तुम्हें बाबा की माफी मिली? पहले उन्हें समझ नहीं आया, लेकिन बाद में पता लगा कि माफी का मतलब क्या होता है।
कैसे बना सर्वेसर्वा
गुरमीत राम रहीम का जन्म 15 अगस्त, 1967 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के गुरुसर मोडिया में जाट सिख परिवार में हुआ। 7 साल की उम्र में उसके घरवालों ने उसे 31 मार्च, 1974 को तत्कालीन डेरा प्रमुख शाह सतनाम सिंह को सौंप दिया। उन्होंने उसे गुरमीत नाम दिया। 23 सितंबर, 1990 को शाह सतनाम सिंह ने गुरमीत सिंह को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया।
यह भी पढ़ें
बलात्कारी राम रहीम को 10 साल कैद, सजा सुनते ही रो पड़ा, हिंसा भड़की
पाप की लंका से 18 ‘शाही बेटियों’ को छुड़ाकर मेडिकल चेकअप कराया
बलात्कारी सन्त के समर्थकों ने पंचकूला को बनाया ‘श्मशान’, 5 राज्यों में फैली हिंसा
बीजेपी सरकारों की जमकर हो रही थू-थू, वोटों की राजनीति पर धिक्कार
स्मृति ईरानी का मीडिया को उलाहना, हिंसा के दृश्य नहीं दिखाने चाहिए थे !