विदेश से डिग्री ली लेकिन नहीं लगी नौकरी
नई दिल्ली। दक्षिण पश्चिम जिला स्पेशल स्टाफ ने एक ऐसे डॉक्टर को गिरफ्तार किया है जो महंगी बाइक की चोरी कर उसे ओएलएक्स और क्वीकर पर बेच देता था। आरोपी ने विदेश से एमबीबीएस की डिग्री ली है और नौकरी नहीं मिलने पर आपराधिक वारदातों को अंजाम देने लगा।
पुलिस ने इसके कब्जे से 18 बाइक व स्कूटी बरामद की है। साथ ही पुलिस ने इसके पास से दर्जन भर फर्जी पहचान पत्र, फर्जी नाम और पते पर लिए गए सिम, आरसी और नंबर प्लेट बरामद किए हैं। अभी तक की जांच में पता चला है कि आरोपी यह धंधा दो साल से कर रहा था और अब तक 50 बाइक व स्कूटी को बेच चुका है।
उसने चोरी की बाइक को रखने के लिए एक गोदाम भी किराए पर ले रखा था। आरोपी की पत्नी भी विदेश से एमबीबीएस की डिग्री ले चुकी है। पुलिस उसकी भूमिका की जांच कर रही है।
जिला पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र कुमार ने बताया कि आरोपी की पहचान सफराज अहमद उर्फ डॉक्टर आनंद श्रीवास्तव उर्फ अमित घोष उर्फ अंकित शर्मा (29) के रूप में हुई है। पुलिस उपायुक्त के अनुसार जिले में वाहन चोरी की बढ़ती घटना को देखते हुए जिले के स्पेशल स्टाफ को जांच की जिम्मेदारी दी गयी।
एसीपी राजेंद्र सिंह और इंस्पेक्टर रमेश कुमार के नेतृत्व में टीम ने जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस ने कई फोन नंबर की सीडीआर की जांच की और कई लोगों से पूछताछ की।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि कई पढ़े- लिखे युवक भी जल्द रुपये कमाने के लिए आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। 18 फरवरी की सुबह पुलिस को सूचना मिली कि एक युवक उत्तम नगर इलाके में चोरी की बाइक लेकर आ रहा है। पुलिस की टीम ने घेराबंदी कर युवक को दबोच लिया।
हालांकि युवक ने खुद को पेशे से डॉक्टर बताया। लेकिन शक होने पर जब पुलिस ने उसकी तलाशी ली तो उसके पास से दो ड्राइविंग लाइसेंस मिले। जिसमें दो अलग अलग नाम थे लेकिन दोनों पर फोटो आरोपी का लगा हुआ था। उसके पास से दो फर्जी आरसी भी मिली।
जांच के दौरान पता चला कि बाइक प्रसाद नगर इलाके से चुरायी गयी है। कड़ाई से पूछताछ कर पुलिस ने उसकी निशानदेही पर मटियाला स्थित गोदाम से 18 बाइक व स्कूटी, दर्जन भर फर्जी नंबर प्लेट, दर्र्जन भर फर्जी आरसी, डीएल और पहचान पत्र, लैपटॉप, प्रिंटर, स्केनर और दस सिम कार्ड बरामद कर लिए।
पूछताछ में आरोपी ने बताया वह दो साल से वारदात को अंजाम दे रहा है और अब तक करीब 50 बाइक व स्कूटी को बेच चुका है। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी से 25 मामले को सुलझाने का दावा किया है।
पति- पत्नी पोलैंड से ले चुके हैं एमबीबीएस की डिग्री
पूछताछ में खुलासा हुआ है कि सफराज अहमद मूलत: छतीसगढ़ के रायपुर का रहने वाला है। उसके पिता सरकारी विभाग में अकाउंटेंट हैं।
स्कूल की पढ़ाई खत्म करने के बाद सफराज एमबीसीएस की पढ़ाई के लिए वारसॉ (पोलैंड) चला गया। लेकिन वह एमबीबीएस का कोर्स पूरा नहीं कर पाया। यहीं उसकी मुलाकात एमबीबीएस की डिग्री ले चुकी युवती से हुई और दोनों ने 2013 में शादी कर ली। उसकी पत्नी भी छतीसगढ़ की रहने वाली है।
दोनों भारत आने के बाद उत्तम नगर के किरण गार्डन में आकर रहने लगे। काफी तलाश के बावजूद सरफराज को कहीं नौकरी नहीं मिली। चूंकि उसे कम्प्यूटर इस्तेमाल करने में महारत हासिल थी। इसलिए उसने फर्जी दस्तावेज तैयार कर वाहनों को ओएलएक्स और क्वीकर पर बेचने का फैसला किया। वह राजधानी के कई इलाकों से महंगी बाइक व स्कूटी चुरायी और उसे अपने गोदाम में रखकर उसे बेचने लगा।
ऐसे देता था वारदात को अंजाम
जांच में पता चला कि आरोपी महंगे वाहनों की चोरी करने के लिए पहले रेकी करता था। फिर ऐेसे समय में चोरी की वारदात को अंजाम देता था जब लोग घरों में होते थे। वह घरों के बाहर खड़े बाइक और स्कूटी को निशाना बनाता था। वह बाइक व स्कूटी की लॉक को नकली चाबी या फिर लॉक तोड़कर चोरी करता था।
ऐसे वाहनों में सबसे पहले फर्जी नंबर प्लेट लगाता था। लैपटॉप व प्रिंटर की मदद से उसकी फर्जी आरसी, डीएल और पहचान पत्र तैयार करता था। उसके बाद वह फर्जी पहचान पत्र से लिए गए सिम से ओएलएक्स, क्वीकर और क्लीक इंडिया पर ऑनलाइन आईडी बनाता था। चोरी की बाइक व स्कूटी बिक जाने के बाद आईडी को डिएक्टीवेट और सिम को तोड़ देता था। वह एक सिम का इस्तेमाल एक बार ही करता था।