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या अल्लाह हमें पीएम मोदी दे दो… पाकिस्तान के लोगों को अब सिर्फ भारत से उम्मीद

इस्लामाबाद.  आर्थिक संकट के बीच अब पाकिस्तान की जनता इस उम्मीद में है कि पड़ोसी मुल्क भारत उनकी मदद करे. पाकिस्तान में महंगाई अपने चरम पर पहुंच चुकी है. आटा, दाल और चावल जैसे खाद्य पदार्थों की कीमतें आसमान छू रही हैं. आलम यह है कि देश दिवालिया होने की कगार पर है. संकट से उबरने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा कोष (आईएमएफ) से कर्ज की बाट जोह रहे प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को अभी तक कोई खास कामयाबी नहीं मिल पाई है. ऐसे में वहां के लोगों का भरोसा अपनी सरकार से भी उठ रहा है.

लेकिन पाकिस्तान की जनता अब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगा रही है और उनका कहना है कि भारत अपना हाथ आगे बढ़ाए. पाकिस्तान में चारों ओर अभी शहबाज सरकार की आलोचना हो रही है, तो दूसरी ओर वहां के लोग यह कहते सुने जा रहे हैं कि या अल्लाह पीएम मोदी को उनके देश भेज दें, ताकि वे उनलोगों को संकट से निजात दिला सकें.

पाकिस्तान में पेट्रोल, बिजली और गैस की कीमतों में इजाफा

कुछ दिनों पहले ही 16 फरवरी को पाकिस्तान सरकार द्वारा नए करों के जरिए लोगों से 170 अरब रुपये जुटाने के लिए संसद में ‘मिनी-बजट’ पेश करने के चंद घंटों बाद पेट्रोल उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी का ऐलान किया गया. बिजली और गैस की कीमतों में भी वृद्धि की गई. इस फैसले से पहले ही विकराल स्थिति में पहुंच चुकी महंगाई और चरम पर पहुंच चुकी है.

पेट्रोल के भाव 22.20 रुपये बढ़कर 272 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गए हैं. हाईस्पीड डीजल (एचएसडी) की कीमत में 17.20 रुपये प्रति लीटर, मिट्टी के तेल की कीमत में 12.90 रुपये प्रति लीटर और लाइट डीजल ऑयल (एलडीओ) में 9.68 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है. एचएसडी की नई कीमत 280 रुपये प्रति लीटर होगी. मिट्टी का तेल 202.73 रुपये प्रति लीटर और एलडीओ 196.68 रुपये प्रति लीटर की दर से बेचा जाएगा.

पाकिस्तान का चालू खाता घाटा 90 फीसदी बढ़ा

इस बीच,पाकिस्तान का चालू खाता घाटा जनवरी में 90.2 प्रतिशत घटकर 0.24 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले साल इसी महीने में 2.47 अरब डॉलर था, भुगतान संकट के संतुलन के बीच आयात प्रतिबंध जारी है, जिसने देश को डिफॉल्ट के कगार पर ला दिया है. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के पास भुगतान संतुलन की पुरानी समस्या है, जो पिछले साल देश के विदेशी मुद्रा भंडार के गंभीर स्तर तक गिर जाने के कारण और गंभीर हो गई थी.
गौरतलब है कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तीन अरब डॉलर से भी कम रह गया है. उसे आर्थिक रूप से धराशायी होने से बचने के लिए इस समय वित्तीय मदद और आईएमएफ से राहत पैकेज की बहुत ज्यादा जरूरत है. नौवीं समीक्षा फिलहाल लंबित है और इसके सफलतापूर्वक पूरा होने पर अगली किस्त के रूप में 1.1 अरब डॉलर जारी होंगे.

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