नई दिल्ली। मोदी सरकार ने एक बार नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया है। सरकार ने जम्मू-कश्मीर को लेकर जारी सस्पेंस चौथे दिन खत्म करते हुए ऐतिहासिक फैसला किया है। मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का ऐलान किया है। सोमवार को मोदी केबिनेट की आपात बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में इसकी जानकारी देकर दुनियाभर को चौंका दिया है।
मोदी सरकार के इस फैसले से अनुच्छेद 370 के तहत जम्म-कश्मीर को लेकर विशेषाधिकार मिले थे, वे अब खत्म हो जाएंगे और जम्मू-कश्मीर भी भारत के अन्य राज्यों की तरह एक सामान्य राज्य होगा।
केंद्रशासित प्रदेश बनाया जाएगा
मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्रशासित प्रदेश बनाने की घोषणा की है। अभी लद्दाख जम्मू कश्मीर का हिस्सा है लेकिन अब लद्दाख को इससे अलग कर पूर्ण केंद्रशासित प्रदेश बनाया जाएगा। उधर जम्मू कश्मीर को भी केंद्रशासित प्रदेश बनाया जाएगा। लेकिन वहां विधानसभा व्यवस्था भी कायम रहेगी। दिल्ली की तरह वहां प्रदेश सरकार भी होगी और जम्मू कश्मीर पर सीधे ही केन्द्र का कंट्रोल भी होगा।
मालूम हो कि दशकों से बीजेपी का यह एजेंडा रहा है जो अब जाकर पूरा हुआ है।
विशेष राज्य का दर्जा खत्म
अनुच्छेद 370 खत्म होते ही जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म हो गया है। वहां अब हिंदुस्तान के अन्य हिस्सों की तरह भारतीय लोकतंत्र की बयार बहेगी। एक झंडा-एक देश की नीति लागू होगी। आम अवाम वहां भी जमीन खरीदकर रह सकेगी।
राज्यसभा में हंगामा
धारा 370 को खत्म करने का बिल राज्यसभा में पेश होते ही विपक्ष के होश फाख्ता हो गए हैं। विपक्ष के नेता गुलाम नबी ने इसे मोदी सरकार का बड़ा फैसला बताते हुए कहा कि कश्मीर में युद्ध जैसे हालात, बड़े नेता नजरबंद है। पहले इस पर बहस होनी चाहिए। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि वह हर सवाल का जवाब देने को तैयार हैं।
देशभर में खुशी की लहर
मोदी सरकार के इस फैसले का देशभर में स्वागत हो रहा है। आम भारतीयों ने इसे देशहित में बड़ा कदम बताया है। उधर, जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती में ट्वीटर पर इसका विरोध करते हुए चेताया है कि इसके गम्भीर परिणाम होंगे।