हिफाजत-ए-इस्लाम के समर्थकों ने पुलिस स्टेशन, पब्लिक ऑफिस, प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी के कार्यालय और बसों को जमकर निशाना बनाया। इन लोगों ने एक ट्रेन के 15 डिब्बों को तहस नहस कर डाला और उसकी 117 खिड़कियों को तोड़ दिया। इन कट्टरपंथियों के आतंक का असर यह रहा कि ऑफिस, पुलिस स्टेशन जल रहे थे लेकिन फायर ब्रिगेड की टीम चाहकर भी वहां तक जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाई।
बांग्लादेशी कट्टरपंथी संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम पीएम मोदी की यात्रा के विरोध में पिछले करीब 4 दिनों से देश में हड़ताल कर रहा है। इस बीच बांग्लादेश के गृहमंत्री असदुज्जमान ने कहा है कि किसी को भी बलवा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि जानमाल को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने कहा कि हिफाजत अपनी हिंसा को बंद कर दे नहीं तो सरकार सख्त कार्रवाई के लिए बाध्य हो जाएगी।
बता दें कि पीएम मोदी के दौरे के खिलाफ इस्लामिक गुटों के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस से झड़प में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई है। उनके लौटने के बाद इन मौतों को लेकर उबाल है। मोदी बांग्लादेश के 50वें स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित जश्न के मौके पर पहुंचे थे। इस्लामिक गुटों का पीएम मोदी पर मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव का आरोप है और उनकी यात्रा के दौरान हिंसा बढ़ गई थी। एक पत्रकार जावेद रहीम ने बताया कि ब्राह्मनबरिया जल रहा है। कई सरकारी दफ्तरों में आग लगा दी गई है। प्रेस क्लब पर भी हमला कर कइयों को घायल कर दिया गया है जिसमें क्लब के अध्यक्ष भी शामिल हैं।