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मोदी और अमरिंदर ने किया एक लाख दलित छात्रों का भविष्य तबाह : आप

चंडीगढ़ । पंजाब आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा है कि केन्द्र और पंजाब सरकार की ढुलमुल नीति के कारण दलित तथा पिछड़े वर्ग के एक लाख से अधिक छात्र वजीफा न मिलने से दाखिले से वंचित रह गये हैं।

इन छात्रों को दसवीं और बारहवीं के बाद पोस्ट मैट्रिक वजीफा योजना के तहत आईटीआईज, पालिटेक्निक, इंजीनियरिंग, कामर्स ,मेडीकल और आर्टस कालेजों तथा विश्वविद्यालयों में दाखिले लेने थे।

पार्टी की कोर कमेटी के चेयरमैन प्रिंसिपल बुद्ध राम तथा दलित विंग के प्रधान मनजीत सिंह ने आज यहां कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार की दलितों विरोधी नीयत और नीतियों की वजह से लाखों होनहार छात्रों का भविष्य अधर में रह गया है।

बुद्ध राम ने कहा कि दलित छात्रों के करीब 1900 करोड़ रुपए राज्य और केंद्र सरकारों ने दबा रखे हैं। इनमें 1763 करोड़ रुपये एस.सी (दलित) छात्रों के बकाया हैं ।यह बकाया राशि वर्ष 2014-15 की 20 प्रतिशत, वर्ष 2015-16 की 50 प्रतिशत और वर्ष 2016-17 और 2017 -18 की शत प्रतिशत बनती है।

उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार ने दलितों के बच्चों के साथ भेदभाव करने में पिछली बादल सरकार का भी रिकार्ड तोड़ दिया है। पंजाब सरकार ने पिछले दो वर्षों में पोस्ट मैट्रिक वजीफा योजना के साथ जो खिलवाड़ किया है ,उसके तहत करीब 60 प्रतिशत दलित बच्चे दाखिला प्रक्रिया से ही बाहर हो गए हैं। वर्ष 2019-20 के लिए पिछले वर्ष के मुकाबले दाखिले के लिये दलित छात्रों की 60 हजार अर्जियां कम आईं हैं।

आप नेताओं ने मांग की है कि दाखिला प्रक्रिया सरल और बच्चों की फीस की जिम्मेदारी के लिए छात्र की बजाए सरकार खुद जिम्मेदारी दे। इसके साथ ही केंद्र 50 प्रतिशत पास परिणाम की शर्त हटाए। उन्होंने राज्य सरकार को चेतावनी दी कि यदि पंद्रह दिनों में दलित और पिछड़े वर्ग के छात्रों का पिछला बकाया जारी न किया तो राज्य स्तरीय संघर्ष छेड़ा जायेगा।