कुसमी ब्लॉक के नीलकंठपुर निवासी मनोहर राम की 2 वर्षीय पुत्री सिमरन 14 अक्टूबर से सर्दी-खांसी से पीड़ित थी। परिजन उसे 17 अक्टूबर की दोपहर इलाज के लिए कुसमी स्थित बाबा केजीएन मेडिकल स्टोर ले गए थे। वहां मेडिकल स्टोर में झोला छाप डॉक्टर सेराज ने मासूम को उपचार के नाम पर 2 इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन लगाते ही बच्ची की हालत बिगड़ने लगी। उसके नाक व मुंह से खून निकलने लगा। इससे घबराए मेडिकल स्टोर के संचालक ने परिजनों को अंबिकापुर जाकर बच्ची का उपचार कराने को कहा और स्वयं निजी वाहन की व्यवस्था भी करा दी।
पीएम रिपोर्ट से पता चलेगा मौत की वजह
बच्ची को अंबिकापुर लाते समय राजपुर के पास उसकी मौत हो गई। शाम को मेडिकल कॉलेज पहुंचने पर डाक्टरों ने सिमरन को मृत घोषित कर दिया। उसके शव को मरच्युरी में रखवा दिया गया।
शव का पीएम कराया गया। अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ लखन सिंह ने बताया कि बच्ची को जब तक अस्पताल लाया गया, तब तक उसकी मौत हो गई थी। ऐसे में उसकी मौत कैसे हुई, इसका पता पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने पर ही पता चल सकेगा। मेडिकल कॉलेज अस्पताल चौकी में परिजनों के बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। परिजनों का आरोप है कि गलत इंजेक्शन के कारण उनकी बच्ची की जान गई है।