ढाका। मुस्लिम महिलाओं को खेतों में काम करने से रोकना 6 जनों को भारी पड़ गया। पुलिस ने एक धर्मगुरु और मस्जिद के 5 कर्मचारियों को अरेस्ट कर लिया है। मामला कुमारखली कस्बे के है।
पुलिस प्रमुख अब्दुल खालिक ने एएफपी को बताया कि गत जुमे की नमाज के बाद मौलवी ने फतवा जारी किया कि मुस्लिम महिलाओं का खेतों में काम करना जायज नहीं है।
साल 2001 में फतवों पर पाबंदी लगा दी गई थी, लेकिन देश की सर्वोच्च अदालत ने 2011 में व्यवस्था दी कि निजी एवं धार्मिक मामलों पर फतवे जारी किए जा सकते हैं, बशर्ते उनमें शारीरिक सजा का प्रावधान नहीं हो। नागरिक अधिकार संगठनों ने अदालत के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा था कि बांग्लादेश की धर्मनिरपेक्ष अदालतों से दूर स्थित गांवों में ऐसी सजाएं देने के लिए फतवे जारी किए जाते हैं जो देश के कानून के खिलाफ हैं।
देश के ग्रामीण इलाकों में मुस्लिम धर्मगुरू अत्यंत प्रभावशाली हैं। इसकी बानगी ताजा फतवे के रूप में सामने आई। इस पर पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए सम्बन्धित मौलवी और कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए छह लोगों पर विशेष अधिकार कानून के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।
इसलिए जाती हैं खेतों में
ग्रामीण बांग्लादेश में महिलाएं किसी वक्त बड़े पैमाने पर अपने घरों में ही रहा करती थीं, लेकिन श्रमिकों की कमी के कारण अब महिलाएं खेतों में फसलों की बुआई एवं कटाई के मौसम में काम करने लगी हैं।