नई दिल्ली। पाकिस्तान की 26/11 हमलों से जुड़े मामले में और अधिक सूबत की मांग को ठुकराते हुए गुरुवार को भारत ने सख्त लहजे में कहा कि पाकिस्तान को सबूत नहीं बल्कि मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि पाकिस्तान में मुंबई हमलों की साजिश रची गई। सारे आतंकी पाकिस्तानी थे। उन्हें मदद भी पाकिस्तान में से ही मिल रही थी। इसका सीधा अर्थ यह है कि मुंबई हमलों से जुड़े सारे साक्ष्य पाकिस्तान में ही मौजूद हैं।
उन्होंने कहा कि पाक जिस ठोस सबूत की मांग कर रहा है वह पाकिस्तान में ही है। उन्हें केवल कार्रवाई के लिए राजनीतिक रास्ता तलाशना होगा।
भारतीय सैनिक चंदू बाबूलाल चव्हाण को सौंपे जाने से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान के मानवीय कदमों का स्वागत करते हैं, लेकिन हमारा रुख साफ है कि जब पाकिस्तान टेरर को सपोर्ट बंद करेगा तभी बातचीत हो सकती है।
अमेरिका के दबाव में हाफिज सईद को पाकिस्तान में नजरबंद करने के बाद भारत ने कहा था कि सिर्फ नजरबंद करने से काम नहीं चलेगा। पाकिस्तान को हाजिफ सईद के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी पड़ेगी।
इस पर पाकिस्तान ने भारत से ठोस सबूत देने की मांग करते हुए कहा था कि किसी और पर उंगली उठाने से पहले भारत को अपने गिरेबांन में झांक कर देखना चाहिए।