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महिला जज के यौन शोषण का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

एक जज ने खुद को सुनवाई से अलग किया


नई दिल्ली। ग्वालियर की पूर्व महिला जज के साथ यौन शोषण के आरोप के मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के जज जस्टिस एसके गंगेले की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के जज अभय मनोहर हफ्ते ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया है।

इस बेंच के दूसरे सदस्य जस्टिस जे चेलमेश्वर हैं। जस्टिस गंगेले ने याचिका में कहा है कि जांच समिति ने प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया।

आपको बता दें कि जस्टिस गंगेले के खिलाफ 58 सांसदों ने राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को नोटिस देकर महाभियोग चलाने की मांग की थी। इन सांसदों ने जस्टिस गंगेले पर ग्वालियर की एक महिला जज के साथ यौन शोषण का आरोप लगाया था।

हामिद अंसारी ने इस नोटिस को स्वीकार करते हुए तत्कालीन चीफ जस्टिस एचएल दत्तू को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट के एक जज और किसी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को नॉमिनेट कर जांच कमेटी गठित करने की मांग की थी ।

अगस्त, 2014 में ग्वालियर की पूर्व महिला जज ने चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के कुछ जजों के नाम पत्र लिखकर शिकायत की थी कि जस्टिस गंगेले ने अपने कोर्ट के रजिस्ट्रार से अपने निवास पर डांस करने के लिए संदेश भिजवाया ।

महिला जज ने उस कार्यक्रम को नजरअंदाज किया लेकिन अगले दिन जस्टिस गंगेले ने कुछ अपशब्दों का इस्तेमाल किया ।