लखनऊ। पीएम नरेन्द्र मोदी की तरह अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी गैरजरूरी सरकारी छुट्टियां अखरने लगी हैं।
शुक्रवार को अंबेडकर जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने अपनी मंशा जाहिर कर दी। उन्होंने कहा कि महापुरुषों की जयंती पर स्कूलों की छुट्टी नहीं होनी चाहिए बल्कि स्कूल में उनके जयंती-पुण्यतिथि मनानी चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चे उनके बारे में जान सकें।
अंबेडकर महासभा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में योगी ने कहा कि महापुरुषों के नाम पर छुट्टियों की परंपरा बंद होगी। हम जानते हैं कि इस फैसले से कुछ लोगों को आपत्ति होगी लेकिन यह किया जाना जरूरी है।
सीएम ने कहा कि हर महापुरुष के नाम पर छुट्टी की परंपरा चल पड़ी है। महापुरुषों की जयंती-पुण्यतिथि पर बच्चों को उनके बारे में बताएंगे नहीं तो वे आदर्शों से अवगत कैसे होंगे। इसलिए हमने कहा कि छुट्टी की परंपरा बंद होनी चाहिए। ऐसे मौकों पर स्कूल खुलेंगे और एक-दो घंटे का विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा जिसमें संबंधित महापुरुष के बारे में बच्चों को जानकारी दी जाएगी।
साल में केवल 120 दिन स्कूल खुलते हैं
योगी ने बताया कि यूपी की स्कूलों में 220 दिनों का शैक्षणिक सत्र छुट्टियों के चलते 120 दिन का रह गया है। अगर छुट्टियों की ऐसी ही परंपरा चलती रही तो एक दिन ऐसा आएगा कि स्कूलों के लिए कोई कार्यदिवस ही नहीं बचेगा।
छुट्टियों का राजनीति से नाता
छुट्टियों के मामले में यूपी देश में पहले नंबर पर है। दरअसल यूपी में सियासत के चलते अब तक 42 छुट्टियां घोषित की जा चुकी हैं। इसमें 17 छुट्टियां ऐसी हैं जो सीधे तौर पर जाति विशेष को खुश करने के लिए घोषित की गई हैं। अगर इन घोषित छुट्टियों में 52 शनिवार और रविवार जोड़ दिया जाए जो 146 दिन सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे। इसमें कर्मचारियों को मिलने वाले 15 अन्र्ड लीव और 14 कैजुअल लीव शामिल करें तो करीब 175 दिन की छुट्टी होती है। इस हिसाब से लगभग छह महीने कर्मचारियों को दफ्तर जाने की जरूरत नहीं होगी।