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महंगाई डायन ने छीना सुख चैन : भूखे पेट भजन न होय गोपाला

 

नई दिल्ली। देश में महंगाई ने हाहाकार मचा दिया है। जिंदा रहने के लिए जरूरी चीजों का जुगाड़ करना भी अब आम आदमी के बूते से बाहर हो गया है।

देश में पहली बार घरेलू गैस का सिलेंडर एक हजार रुपये के पार पहुंच गया। देहरादून में रसोई गैस सिलेंडर (14.2 किलो) के दाम 1,019 रुपये हो गए। श्रीनगर में 1035, पौड़ी में 1050, पुरोला में 1060 और टिहरी में सिलेंडर के दाम 1027 रुपये पर पहुंच गए। पिछले 11 महीनों में सिलेंडर के दाम 190 रुपये बढ़ गए हैं।

सीएनजी तीन रुपये महंगी होकर 92 रुपये किलो पर पहुंच गई। पिछले डेढ़ महीने में चौथी बार बढ़ोतरी के बाद सीएनजी 22 रुपये महंगी हुई है। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों में मिलने वाली जेनेरिक दवाओं के नए स्टॉक के दाम करीब 10 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। इनमें गैस, एंटीबॉयोटिक और सूजन की दवाएं प्रमुख रूप से शामिल हैं। ये दवाएं अधिकतर आर्थिक रूप से कमजोर मरीज खरीदते हैं।

महंगाई की मार ने लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है। शनिवार को रसोई गैस सिलेंडर के दाम एक साथ पचास रुपए बढ़ा देने से लोग सकते में आ गए। जबकि, सीएनजी के दाम में तीन रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी कर दी गई। जेनेरिक दवाओं के दाम भी दस फीसदी तक बढ़ गए हैं।

सरकारी नौकरी वाले भले ही अच्छे से गुजर बसर कर रहे हों लेकिन निजी नौकरी वाले सीमित तनख्वाह में गुजारा करते हुए रोज अपना पेट काटने को मजबूर हैं। रोज कमाने-खाने वाले अपने खर्च में कटौती करते-करते थक चुके हैं। आटा, दाल, चावल, तेल, मिर्च मसाले सब महंगे हो चुके हैं। आने वाले चुनाव में कॉंग्रेस का मुद्दा देश में बढ़ती महंगाई होगा। भूखे पेट भजन न होय गोपाला की तर्ज पर लोग मोदी सरकार को महंगाई के मुद्दे पर सबक सिखा सकते हैं।