हैदराबाद। अयोध्या राम मंदिर को लेकर एक तरफ सुप्रीम कोर्ट में नियमित सुनवाई हो रही है तो दूसरी तरफ मामला आसानी से सुलझाने के प्रयास हो रहे हैं। इसीे बीच आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपना अडिग रवैया दोहराया है।
बोर्ड के सचिव मौलाना उमरैन महफूज रहमानी ने बाबरी मस्जिद मसले पर दो टूक कहा कि मस्जिद अल्लाह की संपत्ति है और इसे किसी को नहीं दिया जा सकता। श्री रहमानी ने बोर्ड की यहां शुरु हुई 26वीं कार्यसमिति की बैठक के पहले दिन की समाप्ति के बाद कल देर रात संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि सदस्यों ने बाबरी मस्जिद मसले पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव भी पारित किया।
उन्होंने कहा,’बोर्ड ने दिसंबर 1990 और जनवरी 1993 के प्रस्तावों को दोहराया तथा शरिया के बुनियादी स्तर पर जोर दिया। मस्जिद के लिए समर्पित भूमि बेची, भेंट या किसी भी तरह से विमुख नहीं की जा सकती है। एक बार समर्पित होने पर यह अल्लाह में निहित हो जाती है।’
बोर्ड ने कहा कि जब भी हिंदू समूहों ने बातचीत के लिए कहा तो बोर्ड ने खुले तौर पर इसमें सहयोग किया तथा स्वीकार्य फार्मूले के साथ सामने आया। हालांकि हिंदू समूहों ने हमेशा चाहा कि मुसलमान बाबरी मस्जिद पर अपने अधिकारों को वापस ले लें।