नई दिल्ली। मुंबई हमले की बरसी और संविधान दिवस पर आज रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में आतंकवाद का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद ने आज विश्व के हर भू-भाग में अति भयंकर रूप ले लिया है, मानवता को ललकारा है, चुनौती दी है और यह मानवीय शक्तियों को नष्ट करने पर तुला हुआ है। ऐसे में विश्व की सभी मानवतावादी शक्तियों को एकजुट होकर आतंकवाद को पराजित करना ही होगा।
यहां सुने मन की बात
आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद आज विश्व के हर भू-भाग में और एक प्रकार से प्रतिदिन होने वाली घटना का, एक अति-भयंकर रूप बन गया है। हम, भारत में तो गत 40 वर्ष से आतंकवाद के कारण बहुत कुछ झेल रहे हैं। हमारे हजारों निर्दोष लोगों ने अपनी जान गंवाई है। लेकिन कुछ वर्ष पहले, भारत जब दुनिया के सामने आतंकवाद की तथा उसके भयावह संकट की चर्चा करता था तो दुनिया में कई लोग इसको गंभीरता से लेने के लिए तैयार नहीं थे।
26/11 के शहीद जवानों को नमन
मोदी ने कहा कि नौ साल पहले आज ही के दिन ( 26/11 को ), आतंकवादियों ने मुंबई पर हमला बोल दिया था। देश उन बहादुर नागरिकों, पुलिसर्किमयों, सुरक्षार्किमयों और उन सभी लोगों का स्मरण करता है, उनको नमन करता है जिन्होंने अपनी जान गंवाई। यह देश कभी उनके बलिदान को नहीं भूल सकता।
आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना जरूरी
मोदी ने कहा कि लेकिन जब आज, आतंकवाद उनके अपने दरवाजों पर दस्तक दे रहा है तब, दुनिया की हर सरकार, मानवतावाद में विश्वास करने वाले, लोकतंत्र में भरोसा करने वाली सरकारें आतंकवाद को एक बहुत बड़ी चुनौती के रूप में देख रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ आतंकवाद ने विश्व की मानवता को ललकारा है। आतंकवाद ने मानवतावाद को चुनौती दी है। वो मानवीय शक्तियों को नष्ट करने पर तुला हुआ है। और इसलिए, सिर्फ भारत ही नहीं, विश्व की सभी मानवतावादी शक्तियों को एकजुट होकर, आतंकवाद को पराजित करना ही होगा।’’
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री का बयान ऐसे समय में आया है जब मुंबई पर आतंकी हमले के सरगना हाफिज सईद को पाकिस्तान में नजरबंदी से रिहा कर दिया गया। भारत ने इस पर तीखी प्रतिक्रया व्यक्त करते हुए कहा था कि यह आतंकवाद को ‘मुख्यधारा’ में लाने का पाकिस्तान का प्रयास है और आतंकवाद के मुद्दे पर दुनिया के सामने भारत का असली चेहरा सामने आ गया है। मोदी ने कहा कि भगवान बुद्ध, भगवान महावीर, गुरु नानक, महात्मा गांधी…. ये उनकी ही धरती है जिसने अहिंसा और प्रेम का संदेश दुनिया को दिया है। आतंकवाद और उग्रवाद, हमारी सामाजिक संरचना को कमकाोर कर, उन्हें छिन्न-भिन्न करने का नापाक प्रयास करते हैं। और इसीलिए, मानवतावादी शक्तियों का अधिक जागरूक होना समय की मांग है।
संविधान की भावना के अनुरूप‘नया भारत‘
मोदी ने भारतीय संविधान को लोकतंत्र की आत्मा बताते हुए देशवासियों से उसका अक्षरश: पालन करने और उसी की भावना के अनुरूप ‘नया भारत‘ बनाने का आह्वान किया है ताकि समाज के गरीब ,पिछड़े और वंचित समुदाय के लोगों के हितों की रक्षा की जा सके। उन्होंने कहा कि1949 में आज ही के दिन संविधान-सभा ने भारत के संविधान को स्वीकार किया था और 26 जनवरी 1950 को यह लागू हुआ था। मोदी ने कहा कि आज का दिन संविधान-सभा के सदस्यों के स्मरण करने का दिन है जिन्होंने इसे बनाने के लिए तीन वर्षाें तक कठोर परिश्रम किया था।