बरेली। बरेली शहर से 70 किमी. दूर गांव जियानगला में दो दर्जन से अधिक जगहों पर वर्ग विशेष के लोगों को तुरंत गांव छोड़ने की धमकी वाले पोस्टर लगने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पोस्टर लगते ही गांव में तनाव का माहौल बन गया।
पोस्टरों में सभी दूसरे समुदाय के लोगों से कहा गया है कि वे इस साल के अंत तक यह गांव छोड़ दें वरना जैसे अमेरिका में ट्रम्प कर रहा है वैसा ही इस गांव में होगा। प्रदेश में भाजपा के बड़े पैमाने पर बहुमत हासिल करने के कुछ ही दिन ऐसे विवादित पोस्टर लगे हैं।
पोस्टर में कहा गया है कि जैसे अमेरिका में ट्रम्प कर रहा है ठीक वैसे ही हम गांव में करेंगे क्योंकि भाजपा अब सत्ता में आने वाली हैं। मुस्लिम वर्ग को जल्दी फैसला करने को कहने के साथ साल के अंत तक का समय दिया गया हैं।
ज़्यादातर पोस्टरों को गांव से पुलिस प्रशासन ने हटवा दिया है मगर फिर भी कुछ पोस्टर अभी भी गांव की दीवारों पर लगे दिख रहे है। यह पोस्टर रविवार रात को लगाए गए और सोमवार सुबह पूरे गांव की दीवारों पर चस्पा दिखाई दिए।
जियानगला निवासियों का साफ़ कहना है कि उन्हें नहीं पाता कि यह पोस्टर किसने लगाए है जबकि ख़ास बात यह है कि इनमें से ज्यादातर लोगों ने देर रात तक होली मनाई थी। जियानगला करीब 2500 निवासियो का गांव है जिसमें लगभग 200 मुस्लिम हैं।
अधिकारियों ने उक्त मामले में बताया कि अज्ञात लोगों के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज की गई व गांव के 5 युवाओं को अभी तक पूछताछ के लिए उठाया गया है। साथ ही पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
जियानगला निवासी जमील अहमद कहते हैं कि अगर गांव के अन्य मुस्लिम घर छोड़ते हैं तो हम भी गांव छोड़ देंगे। मगर समझ नहीं आता कि सदभाव से रहने वाले लोगों के बीच ऐसी हरकत किसने की है।
इसी गांव के निवासी सरफ़राज़ का कहना है कि आज तक हमारे साथ किसी भी अन्य समाज के निवासी द्वारा भेदभाव नहीं किया गया। प्रधान साहब हिन्दू है और हमारा पूरा सहयोग करते हैं, यह हरकत निश्चित ही किसी बच्चे ने सिर्फ हंसी-मज़ाक के तौर पर की होगी।
गंगा राम गंगवार कहते है कि यह पोस्टर वाली हरकत शायद नई सरकार को बदनाम करने की साजिश है। सभी समुदाय के लोग एक साथ होली दिवाली मानते हैं, सदभाव के साथ रहते हैं किसी के मन में कोई भेदभाव नहीं हैं।
ज़िला प्रशासन के बड़े अधिकारी पुलिस के साथ लगातार गांव के दौरे कर रहे है। पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने कहा कि हम गांव के उन युवाओं पर नजर रखे हैं जो छपाई और फोटोस्टेट के व्यवसायों में शामिल हैं या रहे हैं लेकिन अभी तक कुछ नहीं निकला है, छानबीन जारी है।