नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को कहा कि देश में इस वक्त एक नहीं, दो नहीं, तीन-तीन कोरोना वैक्सीन परीक्षण के विभिन्न चरणों में है और जैसे ही वैज्ञानिकों से हरी झंडी मिलेगी, देश में उन वैक्सीन काे बड़े पैमाने पर उत्पादन की भी तैयारी है।
मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को लाल किले की प्राचीर से संबोधित करते हुए कहा कि जब कोरोना की बात आती है, हर किसी के मन में सवाल आता है कि कोरोना की वैक्सीन कब आएगी। मैं देशवासियों को एक बात कहना चाहूंगा कि हमारे देश के वैज्ञानिक, हमारे वैज्ञानिकों की प्रतिभा एक ऋषि मुनि की तरह लैबोरेट्री में जीजान से जुटी है। देश के वैज्ञानिक अखंड एकनिष्ठ तपस्या कर रहे हैं। बड़ी मेहनत कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत में एक नहीं, दो नहीं, तीन-तीन वैक्सीन परीक्षण के अलग-अलग चरण में हैं। जब वैज्ञानिकों से हरी झंडी मिल जाएगी, बड़े पैमाने पर उनका उत्पादन होगा। बड़े पैमाने पर उत्पादन की तैयारियां पूरी हैं। इसके साथ ही वैक्सीन हर राज्य तक कम से कम समय में कैसे पहुंचे, उसकी रूपरेखा भी तैयार है।
आत्मनिर्भरता की सबसे बड़ी सीख स्वास्थ्य क्षेत्र ने दी : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर बनने की दिशा में स्वास्थ्य क्षेत्र में किये गये प्रयासों की सराहना करते हुए शनिवार को कहा कि कोरोना के इस संकट काल में आत्मनिर्भरता की सबसे बड़ी सीख इसी क्षेत्र ने दी जो इतने कम समय में मेडिकल आपूर्ति के लिए आयात पर निर्भरता छोड़कर अब उसका निर्यात करने लगा है।
मोदी ने कहा कि कोरोना के संकट काल में हमने देखा कि बहुत सी चीजों के लिए हम कठिनाई में हैं। दुनिया से लाना है और दुनिया दे नहीं पा रही है। हमारे देश के नौजवानों ने, उद्यमियों ने, उद्योग जगत के लोगों ने यह बीड़ा उठा लिया कि जिस देश में पहले एन95 मास्क नहीं बनते थे, बनने लगे, पीपी किट नहीं बनते थे, बनने लगे, वेंटिलेटर नहीं बनते थे, बनने लग गए।
देश की आवश्यकताओं की पूर्ति तो हुई लेकिन साथ ही जब दुनिया को जरुरत हुई और आत्मनिर्भर भारत दुनिया को कैसे मदद करता है, हमने देखा। विश्व की भलाई में भारत का योगदान बढ़ाना हमारा दायित्व बनता है।