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भारत-चीन सीमा पर झड़प, एक अधिकारी और दो जवान शहीद

नई दिल्ली। भारत और चीन सीमा पर पूर्वी लद्दाख में पिछले एक महीने से भी अधिक समय से चले आ रहे गतिरोध के बीच सोमवार रात दोनों देशों के सैनिकों के बीच पेगांग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प हुई जिसमें सेना के एक अधिकारी और दाे जवान शहीद हो गए।

इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज यहां एक बैठक में चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे के साथ स्थिति की समीक्षा की है।

सिंह ने सेना के वरिष्ठ नेतृत्व से झड़प के बारे में विस्तार से जानकारी ली और आगे की योजना पर चर्चा की। बैठक में इस घटना के बाद उत्पन्न स्थिति से संबंधित तमाम पहलुओं पर बातचीत की गयी।

सेना ने स्पष्ट किया है कि झडप में दोनों ओर के सैनिक हताहत हुए हैं। हालाकि सेना ने चीन के सैनिकों के हताहत होने की संख्या के बारे में कुछ नहीं कहा है। सेना ने यह भी स्पष्ट किया है कि झडप के दौरान फायरिंग नहीं हुई है।

 

सेना ने आज जारी एक वक्तव्य में कहा है कि दोनों सेनाओं के जवानों के अपनी अपनी जगहों से पीछे हटने की प्रक्रिया के तहत यह झड़प सोमवार रात पेगांग झील क्षेत्र में हुई जिसमें सेना के एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए।

सेना के आरंभिक वक्तव्य में कहा गया है कि गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के जवानों के पीछे हटने की प्रक्रिया के दौरान सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई है जिसमें दोनों ओर के सैनिक हताहत हुए हैं। सेना ने पुष्टि की है कि इस दौरान एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए।

दोनों पक्षों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी गलवान घाटी में बातचीत कर रहे हैं जिससे तनाव को दूर कर स्थिति को सामान्य किया जा सके। सेना ने स्पष्ट रूप से कहा है कि झड़प में दोनों ओर के सैनिक मारे गये हैं हालाकि यह नहीं बताया गया है कि चीन के कितने सैनिक हताहत हुए हैं। सेना ने यह भी साफ किया है कि झडप के दौरान फायरिंग नहीं हुई है।

उल्लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख में पिछले एक महीने से भी अधिक समय से दोनों सेनाओं के बीच गंभीर गतिरोध बना हुआ है। इस गतिरोध को दूर करने के लिए पिछले कुछ सप्ताह में दोनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच लगातार बैठकें हो रही हैं।

गत 6 जून को हुई लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता के बाद दोनों सेनाओं ने अपने सैनिकों को कुछ पीछे हटाने का निर्णय लिया था। पीछे हटने की प्रक्रिया के दौरान ही यह झडप हुई है। पिछले एक महीने में दोनों सेनाओं ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के निकट भारी वाहनों, उपकरणों और जवानों का जमावड़ा बढा दिया है।

दोनों देशों के राजनीतिक नेतृत्व की ओर से निरंतर कहा जा रहा है कि इस मुद्दे का समाधान बातचीत के जरिये निकाला जाएगा। दोनों सेनाओं के अधिकारियों के बीच सोमवार को भी एक बैठक हुई थी। दोनों सेनाओं के बीच हुई झड़प के बाद बातचीत के जरिये गतिरोध को दूर करने के प्रयासों को ठेस लग सकती है।

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