चंडीगढ । पाकिस्तान की जेल में कैद भारतीय मछुआरों ने अपने साथियों के लिए अनोखी मिसाल पेश की है। रिहा होकर लौटे 18 भारतीय मछुआरों ने वहां की जेल में काम कर कमाए एक लाख रुपए अपने देश के कैदियों को देकर आए हैं, ताकि वह अपनी जरूरतें पूरी कर सकें। दो साल पहले उन लोगों ने मिल कर तय किया कि कोई भी रिहा होते वक्त अपनी कमाई साथ नहीं ले जाएगा, उसे वहां रहने वाले साथी कैदी इस्तेमाल करेंगे।
गुजरात के समुद्र में मछली पकड़ते वक्त पकड़े गए भूपत, किशन और महेश ने बताया कि उन्हें छह माह की सजा हुई थी, मगर तीन सालों तक बेवजह जेल में रखा गया। उन्होंने बताया कि पाक की लांडी जेल में 400 के करीब भारतीय हैं। कैदी अरविंद ने बताया कि जेल में ढाई साल के दौरान उसने 25 हजार रु. जोड़े थे। उसे आते वक्त भारतीय कैदियों को दे दिया। भरत ने बताया कि वह कपड़े धोने का काम करता था और उसने 35 हजार रु. जोड़े थे, जिसे अपनों के लिए छोड़ कर आया है। इसी तरह हर कैदी ने कुछ न कुछ वहां छोड़ा है। इनकी कुल कमाई करीब एक लाख रु. बनती है अरविंद ने बताया कि जब उसे पहली बार भारतीय कैदी ने मदद की, तभी उसने वहां पर कैदियों के कमाए पैसे भलाई के लिए जमा करने की सोची थी ।