चंडीगढ़। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के साथ शुक्रवार को अजब वाकिया पेश आया।
हुआ यूं कि अपने पानीपत प्रवास के दूसरे दिन वे एसडी विद्या मंदिर स्कूल में दोपहर को स्वयंसेवकों के साथ भोजन करने के पश्चात जैसे ही भोजन कक्ष से निकलने लगे तो एक बाल स्वयंसेवक उनके पास आकर नोटबुक पर ऑटोग्राफ मांगने लगा। इस पर भागवत ने बाल स्वयंसेवक को समझाते हुए कहा कि आटोग्राफ देने की संघ की परंपरा नहीं है।
डॉ. भागवत ने कहा के वे संघ के मुख्य स्वयंसेवक हैं और यदि वे स्वयं ही संघ की परंपरा को तोड़ेंगे तो वो दूसरे स्वयंसेवकों को क्या सिखाएंगे। यदि उन्होंने ऐसा किया तो इससे संघ में एक नई परम्परा चल पड़ेगी जो संघ के नियमों के अनुसार सही नहीं है।
डॉ. भागवत जी ने बाल स्वयंसेवक को प्यार से समझाते हुए कहा कि यदि आप की इच्छा आटोग्राफ लेने की है तो इसके लिए आप मुझे एक पत्र लिखें आप के पत्र के जवाब में मैं जो पत्र लिखूंगा उस पत्र में मैं अपने जवाब के साथ अपने हस्ताक्षर भी करूंगा। ऐसा करने से आप की इच्छा भी पूरी हो जाएगी और संघ की परंपरा भी नहीं टूटेगी। डॉ. भागवत जी के जवाब से बाल स्वयंसेवक तो संतुष्ट हो ही गया साथ साथ इस घटना से डॉ. भागवत जी दूसरे स्वयंसेवकों के लिए भी प्रेरणा दे गए।