कानपुर। बड़े नोटों के चलन से बाहर होने पर काले धन को लोग भगवान के चढ़ावा चढ़ाने लगे हैं। दान पत्रों में अचानक 40 से 50 गुना रूपया आने लगा। जिसमें पांच सौ व एक हजार की वही नोटें है जिसके बदलने के लिए बैंकों में लाइन लगी हुई है।
मंगलवार को केन्द्र सरकार द्वारा काला धन पर अंकुश लगाने के लिए 500 व 1000 के नोटों को प्रतिबंधित कर दिया गया था। जिसके बाद जहां लोग इन नोटों को एक्सचेंज के लिए बैंकों में मारामारी कर रहें है। तो वहीं काले धन को लोग अब मंदिरों, मस्जिदों व गुरूद्वारों के दान पत्रों में चुपचाप दान कर रहें है। पनकी हनुमान मंदिर के महंत जीतेन्द्र दास ने बताया कि अमूमन दान पात्र में दो से तीन हजार ही प्रतिदिन आते थे। लेकिन पीएम के इस फैसले के बाद दो दिनों में करीब तीन लाख रूपया दान पत्र में आया है। जिसमें कुछ को छोड़कर सभी 500 व 1000 की नोटें है। शिवाला के मंदिर के दान पत्र में भी इन्ही नोटों की बहुतायत दिखी। बड़ी ईदगाह मस्जिद में जब सुबह दान पत्र खोला गया तो यहां भी दो लाख रूपए निकले। इसी तरह गुमटी गुरूद्वारा के दान पत्र में काला धन निकलने की बात सामने आई है। पनकी महंत से जब पूछा गया कि यह रूपया कैसे एक्सचेंज करेंगे तो उन्होंने कहा कि मंदिर का एकाउंट है उसी में डाला जाएगा। यह मंदिर का तो धन है नहीं लोगों का दान है।