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बॉडी में हुई ‘हलचल’, डॉक्टरों की आई शामत…दौड़ा-दौड़ाकर पीटा


बहराइच। अस्पताल में एक बच्चे को मृत घोषित करने के बाद वापस उसक सांंसें चालू होने और इलाज में कोताही से दुबारा उसकी मौत होने पर यहां गत रात जमकर हंगामा हो गया। परिजन ने डॉक्टरों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।

मुख्यमंत्री की सख्ती के बावजूद बहराइच जिला अस्पताल में इलाज में लापरवाही के मामले थम नहीं रहे है। करंट लगने पर नगर कोतवाली के छोटी तकिया मोहल्ला निवासी 15 वर्षीय रूमान को जिला अस्पताल लाया गया। लेकिन इमरजेंसी ओपीडी इंचार्ज ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।

रोते-बिलखते मां-बाप जब बच्चे के शव को लेकर घर पहुंचे तो उसमे हलचल शुरू हो गयी। रूमान सांस लेने लगा। परिजन रूमान को लेकर दोबारा अस्पताल पहुंचे, लेकिन इलाज शुरू होने से पहले तीमारदारों और मेडिकल स्टाफ में नोकझोंक शुरू हो गयी। गुस्साए परिजनों ने डॉक्टर और उनके स्टाफ को जमकर पीटा, तब तक बच्चे ने फिर से दम तोड़ दिया। डॉक्टर की पिटाई के बाद ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने बाकी मरीजों का इलाज करना बंद किया और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गए है। एसपी सालिकराम वर्मा के निर्देश पर नगर कोतवाल जेएन शुक्ल, देहात कोतवाल राजेंद्र वर्मा, दरगाह थानाध्यक्ष शैलेंद्र त्रिपाठी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। एएसपी दिनेश त्रिपाठी ने एडीएम विद्या शंकर सिंह अस्पताल पहुंच मामले की जानकारी ली है। सभी ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन चिकित्सक और कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े हुए है।
साथी की पिटाई और अस्पताल में हंगामा से गुस्साए जिला अस्पताल के 19 डॉक्टरों ने डीएम अभय सिंह को इस्तीफ़ा भेज दिया है। डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट और अन्य स्टाफ बेमियादी हड़ताल पर चले गए है। सभी ने सुरक्षा की मांग करते हुए दोषियों की गिरफ्तारी और कठोर कार्रवाई की मांग की है। डॉक्टरों ने पुलिस पर भी शिथिलता बरतने का आरोप लगाया। कहा कि हेल्पलाइन पर सूचना देने के एक घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची है। डॉक्टरों ने स्वास्थ्य सेवाएं ठप कर दी है।
पिता राजू कुरैशी का आरोप है उनके 15 साल के बेटे की मौत डॉक्टर की लापरवाही की वजह से हुई है। अगर वक्त पर उसका इलाज होता तो उनका बच्चा जिंदा होता।
रूमान की मौत जिला अस्पताल आने से पहले ही हो चुकी थी। बावजूद इसके डॉक्टरों और अन्य के साथ मारपीट की गयी। डॉक्टरों में दहशत है। जांच करने के बाद ही डॉक्टर ने मृत घोषित किया था।
-डॉ ओपी पांडेय, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला पुरुष अस्पताल