भोपाल। केंद्र सरकार द्वारा सार्वजनिक बैंकों को बैंकिंग रिफार्म के नाम पर समाप्त करने की नीति के खिलाफ और बैंकों में खराब ऋणों की वसूली के लिये कठोर कदम उठाते हुए चूककर्ताओं की सूची जारी करने की मांग को लेकर ऑल इण्डिया बैंक एम्प्लॉईज एसोसिएशन के आव्हान पर 25 मई को बैंकों की एक दिवसीय हड़ताल रहेगी।
म.प्र. बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष किशोर जेवरिया ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि हमारी काफी समय से यह मांग रही है कि सार्वजनिक बैंकों का निजीकरण नहीं किया जाए, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को और मजबूत बनाया जाए। बैंकों के बडे चूककर्ताओं से सख्ती से वसूली की जाए, उनके नामों की सूची जारी की जाए। परन्तु सरकार द्वारा कोई न कोई बहाना बनाकर इसे लगातार टाल रही है। हमारी मांग है कि बैंकिंग को मौलिक अधिकार बनाया जाए, जानबूझकर ऋण नहीं चुकाना दंडनीय अपराध घोषित किया जाए, माल्या प्रकरण की संसदीय जांच हो और जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाए।
उन्होंने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने सरकार के हर कार्यक्रम के लक्ष्य को बढ़-चढक़र पूरा किया है। जन धन योजना में तो लक्ष्य से कहीं अधिक खाते खोलकर रिकार्ड कायम किया है। बावजूद इसके सरकार द्वारा सार्वजनिक बैंकों के स्वरूप को समाप्त कर निजी हाथों में सौंपने की नीति पर कार्य कर रही है। आई.डी.बी.आई. बैंक का निजीकरण करने का प्रयास इसका उदाहरण है।
इन्हीं सब बातों के मद्देनजर बैंक कर्मचारी 25 मई को एक दिवसीय हड़ताल करेंगे। फिर भी सरकार का रवैया नहीं बदला तो तीव्र आन्दोलन किया जाएगा।