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बेटी अनुप्रिया पटेल केन्द्रीय मंत्री बनीं फिर भी मां नहीं खुश, जानिए क्यों?

मां कभी बेटी से नाराज नहीं हो सकती: अनुप्रिया पटेल
कानपुर। मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल को मंत्री
बनाए जाने के बाद उसकी माॅं व अपना दल अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने नाराजगी
जाहिर कर दी। जिसके बाद अनुप्रिया ने कहा माॅं बेटी से कभी नाराज नहीं हो
सकती। उन्होंने आगे कहा मंत्री बनने से भाजपा अपना दल का गठबंधन और मजबूत
हो गया है। आगामी विधान सभा चुनाव में मिलकर सपा का सूफड़ा साफ किया
जाएगा।


अपना दल के संस्थापक डा. सोनेलाल पटेल की मृत्यु के बाद पार्टी की कमान
कृष्णा पटेल के हाथों में आ गई और अनुप्रिया अपनी माॅं को बराबर सहयोग
करती रही। लेकिन रोहनिया उप चुनाव में कृष्णा के हारने के बाद माॅं बेटी
में दरार पड़ गई। यहां तक कि दोनो पार्टी अध्यक्ष का दावा कर रहीं है और
मोदी मंत्रिमण्डल में मंगलवार को शामिल होने पर कृष्णा अनुप्रिया पर खफा
हो गई और मीडिया में नाराजगी जाहिर कर दी। जिसके बाद खास बातचीत में
अनुप्रिया ने कहा कि राजनीति एक अलग पहलू है माॅं कभी बेटी से नाराज नहीं
हो सकती। अगर राजनीति की दृष्टि से देखा जाय तो मोदी जी ने मंत्री बनाकर
पार्टी के कार्यकर्ताओं को हौसला दिया है। जब उनसे पूछा गया कि माॅ के
तेवरों से ऐसा लग रहा है कि अपना दल का गठबंधन टूट सकता है। तो उन्होंने
कहा अपना दल और बीजेपी का गठबंधन बरकरार रहेगा। माॅं को मना लिया जाएगा
और आगामी विधान सभा चुनाव में मिलकर चुनाव लड़ा जाएगा और सपा के गुण्डाराज
का सफाया हो जाएगा।
मरियमपुर से हुई थी प्राथमिक शिक्षा
डा. सोनेलाल पटेल मूल रूप से कन्नौज के रहने वाले थे लेकिन कानपुर में
कारोबार होने के चलते अनुप्रिया का पैत्रक निवास कानपुर ही रहा। नवाबगंज
में रहकर मरियमपुर से प्राथमिक शिक्षा करने के बाद दिल्ली के श्रीराम
कालेज से स्नातक, नोएडा से सोइकोलाॅजी में पीजी डिप्लोमा और कानपुर
विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री हासिल किया।
पहली ही बार में बनी विधायक
बनारस की कोलअसरा सीट से दो बार चुनाव लड़ चुके डा. सोनेलाल पटेल ने सफलता
नहीं पायी। लेकिन इस सीट के बदलेे हुए नाम रोहनिया से अनुप्रिया पहली बार
में ही 2012 में विधायक बनी। लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा गठबंधन से
मिर्जापुर से सांसद चुनी गई और दो साल बाद कैबिनेट में जगह बनाने में सफल
रहीं।