नई दिल्ली । नौकरी-पेशा लोगों के लिए बुरी खबर है। 2016-17 के लिए पीएफ की ब्याज दर कम कर दी गई है। नई ब्याज दर 8.80 फीसदी से घटाकर 8.65 फीसदी कर दी गई है। नोटबंदी के बाद माना जा रहा था कि सरकार आमजन को होम लोन, पर्सनल लोन आदि की ब्याज दर कम कर राहत देगी लेकिन उल्टा हुआ।
पिछले वित्तीय वर्ष (2014-15) की ब्याज दर के मुकाबले यह 0.15% कम है। ईपीएफओ के ताजा फैसले से चार करोड़ से ज्यादा कर्मचारी प्रभावित होंगे जिनकी तनख्वाह का एक हिस्सा प्रविडंट फंड में जाता है।
सोमवार को बेंगलुरू में हुई सीबीटी की बैठक में ये फैसला लिया गया। हालांकि उम्मीद की जा रही थी कि ईपीएफओ अगले साल के लिए भी 8.8% ब्याज दर बरकरार रखेगा लेकिन ऐसा करने पर उसे 383 करोड़ रुपये का घाटा होता। माना जा रहा है कि इसी वजह से ईपीएफओ ने ब्याज दर में कटौती का फैसला लिया।
इसी वर्ष वित्त मंत्रालय ने पहले पीएफ ब्याज दर में 0.1% की कटौती की थी लेकिन, ट्रेड यूनियनों के विरोध के बाद ब्याज दर में कटौती के फैसले को वापस ले लिया गया और फिर से 8.8% की ब्याज दर ही लागू कर दी गई थी।
आशंका यह भी
पीएफ ब्याज दर में कटौती के बाद अब पीपीएफ, किसान विकास पत्र और सुकन्या समृद्धि अकाउंट पर भी ब्याज दरों में कटौती की आशंका बढ़ गई है।