नई दिल्ली। गत दिनों एससी-एसटी एक्ट को लेकर सवर्ण समाज के निशाने पर आई बीजेपी को दलित विरोधी होने के आरोप से झटका लगा है। उसकी सांसद सावित्री बाई फुले ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है। सावित्री ने बीजेपी पर समाज में विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर की जगह बुद्ध मंदिर निर्माण की मांग उठाकर नया विवाद उत्पन्न कर दिया है।
यूपी के बहराइच से लोकसभा सांसद सावित्री बाई फुले पूर्व में कई बार पार्टी लाइन से हटकर बयान दे चुकी हैं। साथ ही वह दलितों के मुद्दे पर योगी सरकार पर भी हमला बोलती रहती हैं।
उन्होंने हाल हीे मऊ में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि भाजपा सरकार संविधान व आरक्षण समाप्त करने का कुचक्र रच रही है जिसे बहुजन समाज किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगा। बहुजन समाज के लोगों को डा.भीमराव आंबेडकर व भगवान गौतम बुद्ध जैसे महापुरुषों के बनाए गए संविधान विचार व व्यवस्था पर एकजुट होकर चलना होगा।
इससे पहले सलेमपुर (दाउदपुर) में आयोजित भीम चर्चा महोत्सव में उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर नहीं बुद्ध का मंदिर बनाने की बात कही थी। सावित्री ने कहा कि अयोध्या में राम नहीं बुद्ध का मंदिर बनना चाहिए। यह कार्य तभी संभव होगा जब बहुजन समाज व पिछड़ा समाज एकजुट होकर अपनी ताकत का अहसास कराएगा। उन्होंने साफ कहा कि मैं सांसद बनी हूं तो वह बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर की देन है। अगर मेरी सीट आरक्षित नहीं होती तो क्या सांसद बन पाती! ‘