नई दिल्ली। आधार कार्ड के मुद्दे पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि बिना आधार कार्ड भी IT रिटर्न भरा जा सकेगा।
जिन लोगों के पास पैन कार्ड और आधार कार्ड दोनों हैं उन्हें अपना आईटी रिटर्न भरते हुए यह बताना होगा। जिनके पास आधार कार्ड नहीं है और पैन कार्ड है उनका पैन मान्य माना जाएगा और वे लोग IT रिटर्न भर सकते हैं।
अलबत्ता धारा 139एए में आयकर रिटर्न दाखिल करते समय आधार कार्ड की संख्या लिखना या आधार आवेदन के कार्ड हेतु पंजीकरण की जानकारी देना और पैन नंबर के आबंटन के आवेदन के साथ आधार का विवरण देना इस साल एक जुलाई से अनिवार्य कर दिया गया है।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार को आधार कार्ड की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए, जिससे आधार के डाटा लीक ना हो सके। सरकार को पैन कार्ड के डुप्लीकेशन को रोकने के लिए भी काम करना चाहिए।
जबकि केंद्र सरकार ने पैन कार्ड के लिये आधार कार्ड को अनिवार्य बनाने के फैसले का बचाव करते हुए उच्चतम न्यायालय में कहा था कि ऐसा देश में फर्जी पैन कार्ड के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने के लिए किया गया है।
अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति ए के सिकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ से कहा कि पैन का कार्यक्रम संदिग्ध होने लगा था क्योंकि यह फर्जी भी हो सकता था जबकि आधार पूरी तरह सुरक्षित और मजबूत व्यवस्था है जिसके द्वारा एक व्यक्ति की पहचान को फर्जी नहीं बनाया जा सकता है।
रोहतगी ने कोर्ट से कहा था कि आधार कार्ड आतंकी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने की समस्या और काले धन पर अंकुश लगाने का एक प्रभावी तरीका है।