मास्को। एक दिन पहले अफगानिस्तान में आईएस के ठिकानों बम हमले के बाद सबने मदर्स ऑफ ऑल बम्स के बारे में सुना था। सवाल यह भी था कि बम के लिए मदर्स शब्द का ही इस्तेमाल क्यों किया गया, फादर्स क्यों नहीं?
इसका भी जवाब मिल गया है। आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि दुनिया में फादर्स ऑफ ऑल बम्स भी मौजूद है। यह बम अमेरिका के चिरप्रतिद्वंद्वी रूस के पास है। यह मदर्स ऑफ ऑल बम्स से दुगुना बड़ा धमाका कर सकता है।
थर्मोबैरिक (गर्मी और दबाव बनानेवाले) हथियार सामान्य हथियारों के मुकाबले ज्यादा ऊर्जा पैदा करते हैं और इन्हें नियंत्रित करना काफी मुश्किल है। हालांकि कई विश्लेषक रूस के इस फादर्स की सच्चाई पर संदेह जता चुके हैं।
दरअसल अमेरिका में मदर्स ऑफ ऑल बम्स बनने के बाद रूस ने साल 2007 में फादर ऑफ ऑल बॉम्स बनाया था। इसका असली नाम रशियाज़ एविएशन थर्मोबैरिक बॉम था। रिपोर्ट के मुताबिक सभी बमों का यह ‘बाप’, ‘सभी बमों की मां’ से चार गुना ज्यादा बड़ा और ताकतवर है।
साल 2007 में रूस ने इसका परीक्षण किया था। इस परीक्षण में हुए धमाके की ताकत 44 टन टीएनटी विस्फोटकों के बराबर थी जिससे एक हजार फीट का इलाका प्रभावित हुआ था।
इस जानलेवा हथियार को बीच हवा में ब्लास्ट किया जाता है जिससे आग फैल जाती है। इसके धमाके का असर इतना जबर्दस्त होता है कि टारगेट भाप की तरह उड़ जाता है और निर्माण ढांचे ढह जाते हैं। यह बम इतना ताकतवर है कि इसकी तुलना न्यूक्लियर हथियारों से हो सकती है।
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