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बन्दर की दफन लाश निकलवाकर करना पड़ा पोस्टमार्टम, खुले कई राज

 

धनबाद। वन विभाग की कॉलोनी के अंदर पिंजरे में बंद बंदर की हत्या के 12वें दिन इसका पोस्टमार्टम कराया गया। देर से पोस्टमार्टम करने की वजह से बंदर के शरीर का मांस पूरी तरह से गल चुका था। पशुपालन विभाग के डॉक्टरों की टीम ने जांच में पाया कि बंदर को मारने से पहले उसके एक हाथ को तोड़ दिया गया था, वहीं दूसरा हाथ कंधे के पास से काट कर अलग किया गया था।

साढ़े तीन घंटे पोस्टमार्टम 30 सितंबर को सत्यम नगर से एक बंदर को पकड़ कर फोरेस्ट कॉलोनी में पिंजरे के अंदर रखा गया था। एक अक्तूबर किसी ने बंदर की हत्या कर दी। वन विभाग के अधिकारियों ने बिना पोस्टमार्टम के ही इसे फोरेस्ट कॉलोनी के अंदर दफना दिया था।

मीडिया में मामला उजागर होने के बाद वन विभाग सक्रिय हुआ और 12 दिनों बाद बंदर का पोस्टमार्टम कराया गया। गुरुवार को जिला पशुपालन विभाग की तीन सदस्यीय टीम ने बंदर को जमीन से निकाल कर पोस्टमार्टम किया। टीम में डॉ.श्रीनिवास सिंह, डॉ मनौव्वर सिद्दकी, डॉ देवेंद्र कुमार वर्मा शामिल थे। सुबह साढ़े 11 बजे से शुरू हुआ पोस्टमार्टम दोपहर साढ़े तीन बजे तक चला।

मुझे जानबूझकर फंसाया जा रहा जसीम

मामले में सस्पेंड किए गए प्रभारी वनपाल वसीम अंसारी ने कहा कि वह बेगुनाह हैं। उन्हें जानबूझकर फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 30 सितंबर को वन क्षेत्र पदाधिकारी के निर्देश पर सत्यम नगर से राणा घोष और बजरंगी की मदद से बंदर का रेस्क्यू कराया गया था। अगले दिन सुबह मुझे खबर मिली कि पिंजरे के अंदर बंदर की मौत हो गई है। मैंने इसकी सूचना वन क्षेत्र पदाधिकारी को फोन से दी।

उन्होंने मुझे बंदर को वहीं दफना देने का आदेश दिया। कुछ दिनों बाद मुझे बदनाम करने की नीयत से बंदर की मौत का जिम्मेदार मुझे बताया गया। जहां पर बंदर को पिंजरे में बंद करके रखा गया था, वह मेरे कार्य क्षेत्र में भी नहीं आता है। उस परिसर का मैं प्रभारी वनरक्षी भी नहीं हूं। मुझे जानबूझकर बंदर की मौत में फंसाते हुए बदनाम किया जा रहा है। विभाग ने बिना नोटिस दिए ही कारवाई कर दी।

हाथ की हड्डी थी टूटी, 12 दिनों में मांस गला

जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ प्रवीण कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों की टीम ने बताया कि बंदर के एक हाथ की हड्डी कोहनी से टूटी हुई थी, जबकि दूसरा हाथ बांह से अलग था। उसे मारने से पहले बेरहमी से पीटा गया था। देर से पोस्टमार्टम होने की वजह से उसका मांस गल गया है। इसका विसरा प्रिजर्व करते हुए फोरेंसिंक जांच के लिए रांची भेज दिया गया है।

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