नई दिल्ली. भूख लगने पर आप कोई भी फूड डिलीवरी ऐप खोलते हैं और तत्काल खाना ऑर्डर कर देते हैं. कुछ ही देर के बाद एक शख्स जिसे ‘डिलीवरी बॉय’ भी कहा जाता है, वह आता है और आपको खाना थमा देता है. अगर देखा जाए, तो शायद एक डिलीवरी बॉय की भूमिका खत्म हो जाती है, लेकिन मुंबई में स्विगी के एक कर्मचारी मृणाव किरदत ने बीमार को अस्पताल पहुंचाकर इंसानियत की मिसाल कायम की है. जिसके बाद उसे डिलीवरी बॉय की जगह ‘रक्षक’ कहा जा रहा है. यह पूरी कहानी रिटायर्ड कर्नल मोहन मलिक ने साझा की है.
स्विगी की तरफ से इंस्टाग्राम पर कर्नल और किरदत की एक तस्वीर पोस्ट की गई है. साथ में कर्नल के हवाले से लिखा है, ’25 दिसंबर को गंभीर रूप से बीमार हुआ और मेरे बेटे ने मुझे लीलावती अस्पताल ले जाने का फैसला किया. वहां बहुत ज्यादा ट्रैफिक था और हम एक इंच भी नहीं बढ़ पा रहे थे. मेरा बेटा लगातार दो पहिया चालकों से मदद की गुहार लगाता, क्योंकि वे ट्रैफिक में तेजी से निकल सकते थे और मुझे अस्पताल पहुंचा सकते थे. लेकिन पास से गुजरने वाले किसी ने भी मदद नहीं की.
आगे लिखा है, ‘एक स्विगी डिलीवरी बॉय दयालु था और वह तत्काल मुझे अस्पताल ले जाने के लिए तैयार हो गया. बार-बार चिल्लाकर मृणाल किरदत ने अन्य वाहन चालकों को रास्ता देने के लिए कहा. आखिरकार हम अस्पताल पहुंचे. मृणाल ने स्टाफ को जानकारी दी कि हालत गंभीर है और उन्हें जल्दी से जल्दी काम करने के लिए कहा.’
पोस्ट के अनुसार, ‘अस्पताल में कई हफ्तों के बाद, मैं स्वस्थ हूं. मैं केवल उस युवा के बारे में सोच रहा हूं, जिसने मुझे नया जीवन दिया. मेरे लिए वह असली ‘रक्षक’ है… उनका और सभी डिलीवरी के गुमनाम नायकों का धन्यवाद.’
मामले के सामने आने के बाद इंटरनेट यूजर्स जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. यूजर्स डिलीवरी बॉय को सुपरमैन बता रहे हैं. हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है, जब डिलीवरी बॉय से जुड़े इस तरह के किस्से सामने आए हैं. बीते साल भी ट्विटर यूजर ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया था कि कैसे एक जोमैटो डिलीवरी बॉय अपना वॉलेट खो देने के बाद भी खाना पहुंचाने आया था.