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प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी में बनेंगे 1 करोड़ मकान, ये होंगे लाभान्वित

नई दिल्ली। केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी में एक करोड़ मकानों के निर्माण को मंजूरी दी जा चुकी है जिनमें से लगभग 30 लाख मकान बन चुके हैं और 57 लाख मकान निर्माणाधीन हैं।

पुरी ने यहां अपने कार्यालय में संवाददाताओं को बताया कि देश के शहरी इलाकों में अनुमानित एक करोड 12 लाख मकानों की मांग हैं जिसमें से एक करोड़ सस्ते मकान बनाने की मंजूरी प्रदान कर दी गयी है। उन्होेंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी दुनिया में सबसे बड़ी आवासीय योजना है जिसमें गरीब लोगों को मकान बनाने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। इस अवसर पर मंत्रालय में सचिव दुर्गा शंकर मिश्र भी मौजूद थे।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में समाज के सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। उन्होंने आंकड़ों के हवाले से बताया कि इस योजना के तहत 5.8 लाख वरिष्ठ नागरिक, दो लाख निर्माण मजदूर, 1.5 लाख घरेलू कामगार, 1.5 लाख शिल्पकार, 0.63 दिव्यांगजन, 770 किन्नर और 500 कुष्ठ रोगियों को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण इस योजना का प्रमुख अंग है और मकान का स्वामित्व परिवार की महिला सदस्य या संयुक्त रुप से ही होगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना से आवासीय क्षेत्र को बहुत बल मिला है। इस योजना के माध्यम से आवासीय क्षेत्र में अभी तक 5.70 लाख करोड रुपए का निवेश किया गया है जिसमें केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 1.6 लाख करोड़ रुपए हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना में सस्ते मकान बनाने के लिए केंद्र की सहायता के रुप में एक लाख रुपए से लेकर 2.67 लाख रुपए दिये जाते हैं। इस मद में अभी तक 60 हजार करोड़ रुपए जारी किये जा चुके हैं। इस योजना के तहत 1.12 करोड़ मकान बनाये जाने हैं जिनमें कुल निवेश लगभग सात लाख करोड़ रुपए का होगा।

पुरी ने कहा कि इस योजना से रोजगार तकरीबन 1.20 करोड़ अवसर उपलब्ध प्रत्यक्ष रुप से उपलब्ध हुए हैं। इसके अलावा इस्पात, ईंट, सीमेंट, पेंट, हार्डवेयर, सैनेटरीवेयर जैसे 250 उद्योगों को बल मिला है। उन्होंने बताया कि इस योजना में तकरीबन 568 लाख टन सीमेंट की जरुरत होगी जहसमें 178 लाख टन का इस्तेमाल हो चुका है। इसके अलावा 130 लाख टन इस्पात चाहिए जिसमें 40 लाख टन मकान बनाने में इस्तेमाल कर लिया गया है।

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