गुरुग्राम। बहुचर्चित प्रद्युम्न हत्याकांड में सुनवाई करते हुए जुवेनाइल जस्टिस कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सीबीआई द्वारा हत्याकांड में आरोपी बनाए गए 16 वर्षीय 11वीं के छात्र के अपराध को देखते हुए उस पर बालिग की तरह केस चलाने की अनुमति दे दी है।
अब आरोपी नाबालिग छात्र पर गुरुग्राम की सैशन कोर्ट में केस चलाया जाएगा और बालिग की तरह ट्रीट किया जाएगा।
मालूम हो कि निर्भयाकांड के बाद देश में जनवरी 2016 में एक नया कानून लाया गया, जिसमें तय किया गया कि किसी नाबालिग अपराधी द्वारा किए गए अपराध को देखते हुए उसे बालिग की तरह ट्रीट किया जा सकता है। निर्भया कांड के बाद यह पहला ऐसा मामला है जिसमें किसी नाबालिग को बालिग की तरह आरोपी बनाकर उस पर मुकदमा चलाने की अनुमति दी गई है।
प्रद्युम्न के पिता के वकील सुशील टेकरीवाल ने बताया कि सेशन कोर्ट के स्पेशल कोर्ट में 22 दिसंबर को प्रद्युम्न हत्याकांड अगली सुनवाई होगी। आरोपी को अपराध की बर्बरता को देखते हुए 8 से 14 साल की सजा जरूर हो सकती है। फिलहाल आरोपी जबतक 21 साल का नहीं हो जाता तबतक उसे बाल सुधार गृह में ही रखा जाएगा।
सीबीआई ने आरोपी छात्र के फिंगर प्रिंट कोर्ट में सौंपे थे। इसके बाद कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए आरोपी नाबालिग छात्र पर बालिग की तरह केस चलाने को मंजूरी दे दी है।
प्रद्युम्न के पिता वरूण ठाकुर ने जेजे बोर्ड के आदेश का स्वागत किया। वरूण ने कहा कि, ये फैसला उनकी पहली जीत का प्रतीक है।