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पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस का निधन

नई दिल्ली । पूर्व रक्षा मंत्री एवं वरिष्ठ समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस का मंगलवार को यहां निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। वह पिछले कुछ दिन ने स्वाइन फ्लू से जूझ रहे थे।

फर्नांडिस सबसे पहले 1967 में लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। उन्होंने बिहार के मुजफ्फरपुर और नालंदा लोकसभा सीटों का प्रतिनिधित्व किया। वह कई बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हुए। उन्होंने संचार, उद्योग, रेलवे और रक्षा मंत्री के तौर पर अपनी सेवाएं दी।

सूत्रों के अनुसार अल्ज़ाइमर यानी स्मृतिलोप की बीमारी से पीड़ित फर्नांडिस ने सुबह करीब सात बजे अंतिम सांस ली। उन्हें कुछ दिनों से स्वाइन फ्लू हो गया था। कर्नाटक में मंगलोर के रहने वाले फर्नांडिस आपातकाल का विरोध करने वाले अग्रणी नेताओं में से एक थे।

कोविंद ने फर्नांडिस के निधन पर जताया शोक

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने समाजवादी नेता एवं पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए मंगलवार को कहा कि वह सादा जीवन और उच्च विचार के प्रतीक थे।

राष्ट्रपति ने अपने शोक संदेश में कहा कि जॉर्ज फर्नांडिस के निधन से बहुत दुखी हूं। उन्होंने रक्षा मंत्री समेत विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दी। वह सादा जीवन शैली और उच्च विचार के प्रतीक थे। वह सदैव लोकतंत्र की रक्षा के लिए तत्पर रहे, खास तौर पर आपातकाल का उन्होंने पुरजोर विरोध किया। उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा।

इसी तरह तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव ने मंगलवार को पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस के निधन पर शोक व्यक्त किया।

राव ने अपने शोक संदेश में कहा कि समाजवादी नेता और केंद्रीय मंत्री के रूप में श्री फर्नांडिस के योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा के परिजनों और मित्राें के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की है।

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने फर्नांडिस के निधन पर ट्वीट कर कहा कि जॉर्ज फर्नांडिस के निधन की खबर से दुखी हूं। वह एक अच्छे दोस्त थे। शुरुआत में हमारे बीच समाजवाद और बाजार आधारित अर्थव्यवस्था से संबंधित विचारधारा को लेकर कुछ मतभेद थे लेकिन बाद में सोनिया गांधी और नेहरू परिवार के विरोध के मामले में हम एकजुट हुए थे।

फर्नांडिस ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लागू किए जाने के दौरान सरकार विरोधी कई आंदोलन चलाए। उस दौरान आपातकाल से पीड़ित लोगों के लिए मसीहा बन कर सामने आए।

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