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पिता को रिक्शा ट्रॉली में ले जानी पड़ी मासूम बेटे की लाश

सांकेतिक चित्र
सांकेतिक चित्र

 
बालेश्वर। देश के सरकारी अस्पतालों में संवेदनाएं दम तोड़ चुकी हैं। कमीशनखोरी के लिए बदनाम इन अस्पतालों में रसूख वालों को तो सभी सुविधाएं मिल जाती हैं लेकिन वास्तविक जरूरतमंद केवल तरसते हैं।

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इस बार ओडिशा के सरकारी अस्पताल की असंवेदनशीलता सामने आई है। यहां एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण एक पिता को अपने छह साल के नन्हे बच्चे का शव रिक्शा ट्रॉली में ले जाने को मजबूर होना पड़ा।

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नीलागिरि निवासी तुनाराम सिंह ने बताया कि उसके बेटे कृष्णा को सांप ने डस लिया था। बच्चे को अस्पताल ले जाने के लिए उसने अस्पताल फोन कर एंबुलेंस मांगी लेकिन वहां से इनकार कर दिया गया। इस पर वह बच्चे को ट्रॉली रिक्शा में अस्पताल ले गया।
अस्पताल पहुंचने पर उसके बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया। पोस्टमॉर्टम होने के बाद भी उसे अपने बच्चे का शव ट्रॉली में ही ले जाना पड़ा।

तुनाराम ने आरोप लगाया कि दोनों बार उसने एंबुलेंस के लिए अस्पताल से संपर्क किया लेकिन उसे एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने की बात कहकर इनकार कर दिया गया। इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जब किसी पिता, किसी पुत्र को अपनों की लाश कंधे पर ढोनी पड़ी।

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