इस्लामाबाद. अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न से जुड़ी रिपोर्ट ने एक बार फिर पाकिस्तान (Minorities in Pakistan) को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. समाचार एजेंसी ANI ने एक रिपोर्ट के हवाले से बताया कि पाकिस्तान में युवा लड़कियों के अपहरण, उनके साथ बलात्कार और उनके धर्म परिवर्तन की घटनाएं बढ़ रही हैं और राज्य भी पीड़ितों की ओर से हस्तक्षेप करने से इनकार कर रहा है.
जस्ट अर्थ न्यूज में प्रकाशित एक रिपोर्ट ने पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यक (Pak Hindus) समूह के खिलाफ हाल ही में बढ़ते अपराधों का विश्लेषण किया है और ऐसे मामलों में पाकिस्तानी अधिकारियों की अज्ञानता का जिक्र किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने हाल ही में एक बिल के खिलाफ आपत्ति जताई थी, जो देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए लाया जाना था. देश के धार्मिक मामलों और अंतर्धार्मिक सद्भाव मंत्रालय ने मानवाधिकार मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए विधेयक पर आपत्ति जताई.
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हिंदू अल्पसंख्यकों को जबरन धर्मांतरण (Forced Conversion) से बचाने के लिए जबरन बातचीत निषेध अधिनियम 2021 का मसौदा कानून पर सुनवाई के बिना ही खारिज कर दिया गया था. गौरतलब है कि देश में बढ़ रहे असंतोष के चलते लापता बलूच लोगों के परिवारों ने बलूच बच्चों, महिलाओं और युवाओं के लापता होने की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ कराची में विरोध प्रदर्शन किये हैं. समुदाय ने न्याय के हित में संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय समुदायों के हस्तक्षेप का आह्वान किया.
वहीं रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पाकिस्तान में कम उम्र की लड़कियों को अगवा करने, उनके साथ रेप (Rape of Pak Hindu Girls) करने और धर्म परिवर्तन (Conversion) कराने की प्रथा आम हो गई है. हालांकि अनुच्छेद 20 के तहत पाकिस्तानी संविधान नागरिक को हर नागरिक को धर्म को मानने, अभ्यास करने और प्रचार करने का अधिकार देता है, ईसाई और हिंदू युवा लड़कियां और महिलाएं इसके दायरे से बाहर हैं.
इसमें आगे कहा गया है कि मीडिया, नागरिक समाज और मानवाधिकार समूह अपराध की उपेक्षा करते हैं क्योंकि ये लड़कियां निम्न आर्थिक और अल्पसंख्यक समुदायों से हैं. रिपोर्ट में 2022 में फैसलाबाद में एक 15 वर्षीय ईसाई लड़की को एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा लिया गया मानवाधिकार उल्लंघन के उदाहरणों का भी हवाला दिया गया था. हर साल लगभग 1000 ऐसे मामले सामने आते हैं जहां एक हिंदू लड़की का अपहरण, बलात्कार और जबरन शादी की जाती है. 2021 में संख्या में वृद्धि देखी गई जहां 80 प्रतिशत और 2020 में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई.